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FD पर ब्याज का नहीं दे रहे टैक्स तो कभी भी पकड़ सकता है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट :

6 September 2017 | 12.54 PM

नई दिल्ली : इनकम टैक्स अथॉरिटीज की नजर अब उन हजारों लोगों पर जा पड़ी है जिन्होंने एफडी पर इंट्रेस्ट से मोटी कमाई की है, लेकिन टैक्स नहीं दिया है। पूरा ध्यान उन लोगों पर है जिन्हें 5 लाख रुपये या इससे अधिक की आमदनी सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट या एफडी) पर मिले ब्याज से हुई है। इनमें कुछ बुजुर्ग (सीनियर सिटिजन) हैं जो अपनी कर योग्य आय में ब्याज से मिली रकम को शामिल नहीं करते या रिटर्न ही फाइल नहीं करते।


यह कदम टैक्स बेस बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का ही एक हिस्सा है। इसके तहत, अधिकारियों का ध्यान उन प्रफेशनल्स पर भी है जो अपनी फी कैश में लेते हैं और अपनी सही आमदनी कभी नहीं बताते जबकि जीते काफी शानो शौकत से हैं।


ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ में लाना बहुत मुश्किल है और सर्वे या सर्च में ये लोग तभी पकड़ में आते हैं जब उनकी कमाई के दौरान छापे पड़ जाएं। मसलन, बरसात के मौसम में जब डेंगी या चिकुनगुनिया का संक्रमण फैलता है तो डॉक्टर मरीजों से कैश में फी वसूलते हैं। ऐसे वक्त में उनकी तलाशी लेने पर सच्चाई सामने आ जाती है।


लेकिन, ब्याज से हुई आमदनी को लेकर ऐसा कुछ नहीं है। ऐसे में टैक्स डिपार्टमेंट को बैंकों के पास उपलब्ध सूचनाओं का ही सहारा लेना पड़ता है क्योंकि बैंक एफडी पर टीडीएस काटते हैं। सूत्रों का कहना है कि कई मामलों में 10 प्रतिशत टैक्स दे दिया जाता है जबकि जो लोग 30 प्रतिशत टैक्स वाले दायरे में आनेवाले लोग भी टैक्स नहीं देते।


एक बड़े अधिकारी ने कहा, 'हमारी नजर बड़े टैक्स चोरों पर है। छोटे लोगों का पीछा करने का कोई मतलब नहीं बनता है जिन्हें बहुत ज्यादा ब्याज नहीं मिलता है।' अधिकारियों ने कहा कि इस रणनीति का मकसद रिटर्न फाइल करनेवालों की तादाद करीब 1 करोड़ तक बढ़ाने की है।

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