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IT डिपार्टमेंट : बंद कंपनियों के पुराने रिकॉर्ड खंगाल रहा

18 September 2017 | 12.36 PM

मुंबई : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बंद हो चुकीं कंपनियों के पुराने रिकॉर्ड खंगाल रहा है। पहले उसने शायद ही कभी ऐसा कदम उठाया हो। ऐसी कई निजी कंपनियों के पूर्व निदेशकों (डायरेक्टर्स) को ऑफ़िशल लिक्विडेटर्स के साथ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस मिले हैं। इससे इन कंपनियों को टैक्स की मांग किए जाने का डर सताने लगा है। पुरानी प्राइवेट कंपनियों को बंद करके नई कंपनियां खोलना काले धन को शिफ्ट करने का पुराना रास्ता रहा है, लेकिन ऐसी कई कंपनियां जेन्युइन बिजनेस के लिए भी खोली गई थीं, जो असफल रहीं और उन्हें बंद करना पड़ा।


इस मामले में जेन्युइन कंपनियां भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के निशाने पर आ गई हैं। अब तक डिपार्टमेंट उन कंपनियों से दूर रहता आया था, जिसे वाइंडिंग अप प्रोसेस से पहले उसने नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट इश्यू किया था। वैसे कानूनन फ्रॉड की आशंका होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बंद पड़ी कंपनियों के पुराने रिकॉर्ड की पड़ताल कर सकता है।


सीनियर चार्टर्ड एकाउंटेंट दिलीप लखानी ने कहा, 'प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के बंद होने के बाद भी उसके निदेशकों पर लायबिलिटी बनी रहती है। इन मामलों में उन्हें साबित करना होगा कि अगर कोई टैक्स बकाया है तो उसकी वजह कंपनी की गलती नहीं है।' वहीं, चोकसी एंड चोकसी एलएलपी के सीनियर पार्टनर एम चोकसी ने बताया, 'जिन कंपनियों को बंद कर दिया गया है या जिनके नाम रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) रिकॉर्ड्स से हटा दिए गए हैं, उनके पुराने रिकॉर्ड्स की पड़ताल चुनिंदा मामलों में ही होनी चाहिए। सिर्फ उन मामलों में, जहां टैक्स फ्रॉड की आशंका हो।' अगर किसी कंपनी को स्वेच्छा से बंद किया जा रहा है तो उसका लिक्विडेटर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बकाये टैक्स का पता लगाने के लिए संपर्क कर सकता है। कंपनी की संपत्ति बेचकर मिले पैसे को बैंकों और शेयरधारकों के बीच बांटने से पहले उसे बकाया टैक्स की रकम अलग रखनी पड़ती है। हालांकि, ऐसे मामलों में भी डिपार्टमेंट पुराने असेसमेंट को री-ओपन कर सकता है, बशर्ते उसे धोखाधड़ी का शक हो।


अब तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शायद ही ऐसे केस दोबारा खोले हैं। बंद किए जाने वाली कंपनियों के लिए डिपार्टमेंट एनओसी जारी करता है। यह उस दिन तक बकाया टैक्स के आधार पर जारी किया जाता है। एक सीनियर टैक्स अधिकारी ने बताया कि अगर डिपार्टमेंट गंभीरता से ऐसे मामलों की जांच करने लगे तो शायद ही कोई एनओसी जारी हो पाए। चोकसी ने कहा, 'असेसिंग ऑफिसर्स को पुराने मामले खोलने का अधिकार है और वह इस तरह के नोटिस जारी कर सकता है। हालांकि, अगर उनकी नजर से किसी रकम का असेसमेंट रह जाता है तो उसके लिए पुराने रिकॉर्ड्स को खोलना ठीक नहीं है, खासतौर पर तब, जबकि उस कंपनी का वजूद ना हो।'

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