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इस लड़के ने रोक दिया दुनिया का सबसे बड़ा साइबर अटैक :

19 May 2017 | 11.30 AM

नई दिल्ली : दुनियाभर के 100 से भी ज्यादा देशों में हुए अब तक सबसे बड़े साइबर हमले की चपेट में भारत भी आ गया है। रैनसमवायर साइबर हमले से ब्रिटेन, रूस समेत अन्य कई देश बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। दुनिया के कई देशों और साइबर इंटेलिजेंस एजेंसियों के हाथ-ैपर फुलाने वाले इस हमले को 22 साल के एक लड़के ने कंट्रोल किया है। इस हमले से 6400 करोड़ का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

इतना बड़ा नुकसान करने वाले इस हमले को इस साइबर रिसर्चर ने महज 686 रुपए में रोक दिया। रैनसमवायर हमले की वजह से दुनियाभर के कई सिस्टचम ने काम करना बंद कर दिया था, लेकिन ब्रिटेन के एक लड़के की समझदारी ने इसे आगे फैलने से रोक दिया। ये काम करने के बाद यह शख्स रातोंरात हीरो बन गया है। मालवेयर टेक के नाम से काम करने वाले इस शख्सद ने रैनसमवायर की एक कमजोरी का पता लगाया और उसी के बूते इस वायरस को फैलने से रोका।

इस शख्सय ने रोका रैनसमवायर वायरस को :

जब 100 से भी ज्यारदा देशों के 125 हजार कंप्यूमटर पर रैनसमवायर साइबर अटैक हुआ, तो इसे आगे रोकने में ब्रिटेन के सिक्यो रिटी रिसर्चर मलवेयर टेक ने कामयाबी पाई। मलवेयर टेक एक 22 साल का शख्सि है, जो यहां की एक आईटी कंपनी में काम करता है। मलवेयर टेक ने अपना नाम बताने से तो इनकार कर दिया है, लेकिन उसने ये जरूर बताया कि कैसे उसने संयोगवश इस अटैक को रोक दिया। मलवेयर टेक की कंपनी ने उसे इस हमले को रोकने के लिए इनाम देते हुए उसकी एक हफ्ते की छुट्टी को बढ़ाकर दो हफ्ते कर दी है।

इस किल स्विच से रोका रैनसमवायर को :

मलवेयर टेक ने बताया कि वह रातभर इस वायरस की जांच करते रहे। इस दौरान उन्हें वायरस का एक किल स्विच पाया, जिसके जरिए वह इसे रोकने में कामयाब हुए। रिसर्चर ने बीबीसी को बताया कि जांच के दौरान उन्हेंत पता चला कि ये मलवेयर एक खास वेब एड्रेस "gwea.com". से लगातार कनेक्ट होने की कोशिश कर रहा है। इसकी वजह से नए कंप्यूसटर में प्रॉब्लाम आ रही थीं। वेब एड्रेस से जुड़ने की कोशिश के दौरान इसके अक्षरो में कुछ गड़बड़ थी और ये रजिस्टिर्ड नहीं थे। ऐसे में मलवेयर टेक ने इस वेब एड्रेस को महज 686 रुपए (10.69 डॉलर) में रजिस्टसर कर लिया। रजिस्टेर करने के बाद उन्होंएने ये पता लगाया कि यह वायरस किन-किन कंप्यूटर तक अपनी पहुंच बना रहा है। इससे मलवेयर टेक समझ गए कि यह वायरस कैसे फैल रहा है। रजिस्ट1र होते ही यह वायरस कंप्यूटर टू कंप्यूिटर फैलने से रुक गया।

इमरजेंसी में यूज होता है किल स्विच :

ज्याेदातर साइबर हमलों में हमलावर एक किल स्विच जरूर लगाते हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जब साइबर हमले के बाद स्थिति नियंत्रण नहीं हो पाता है, तो ऐसे समय में वायरस को सॉफ्टवेयर तक फैलने से रोकने की खातिर इसका यूज होता है। मलवेयर टेक ने कहा कि किल स्विच के इस कोड को रैनसमवायर की जांच कर रहे रिसर्चर्स को रोकने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन रिमोट से लैस न होने की वजह से यह उनके खिलाफ ही काम आ गया।

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