25 May 2017 | 11.38 AM
गुवाहाटी : नरेंद्र मोदी 26 मई को असम में बने देश के सबसे लंबे पुल का इनॉगरेशन करेंगे। यह पुल असम के पूर्वी हिस्से में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे इलाके में बना है। इसे केंद्र में एनडीए सरकार के तीन साल पूरा होने के मौके से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पुल की चीन बॉर्डर से हवाई दूरी 100 किमी है।
एशिया का दूसरा सबसे लंबा पुल
- ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 9.15 किमी लंबा यह पुल एशिया का दूसरा सबसे लंबा पुल है। यह असम में तिनसुकिया जिले के ढोला तथा सदिया को जोड़ता है।
- यह मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक से 3.55 किमी लंबा है। यह पुल देश की सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए रणनीतिक रूप से भी अहमियत रखता है।
- असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "हम खुश हैं कि मोदी पुल का इनॉगरेशन करेंगे। इसके बनने में देरी हो रही थी, लेकिन जब पीएम ने जब इसमें रुचि दिखाई और मैंने जाकर देरी की वजहों का पता किया तो काम में तेजी आई।"
क्यों अहम है पुल?
- पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किमी और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से 300 किमी दूर है। चीन के बॉर्डर से पुल का एरियल डिस्टेंस महज 100 किमी है।
- यह पुल नॉर्थ-ईस्ट के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को देश के अन्य हिस्सों से जुड़ने के लिए सड़क की सुविधा मुहैया कराएगा। अभी तक इन लोगों को आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता था।
- 2011 में पुल बनना शुरू हुआ था। इस पर 950 करोड़ रुपए लागत आई है। इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में बनाया गया है।