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मंदसौर में किसानों से मिलने के लिए बाइक पर सवार होकर निकले MP पुलिस ने रोका राहुल गांधी को :

08 June 2017 | 2.35 PM

मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत के बाद लोगों का गुस्सा उबाल पर है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज मंदसौर के किसानों से मुलाकात करने के लिए निकले. वह राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा स्थित निमोड़ा से अपनी सिक्योरिटी को चकमा देकर बाइक पर सवार होकर निकल गए. लेकिन उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस ने रोक लिया है. इससे पूर्व उन्हें रोकने के लिए राजस्थान-मध्य प्रदेश बॉर्डर स्थित नयागांव में 400 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. यही नहीं पास स्थित विक्रम सीमेंट रेस्ट हाउस को अस्थाई जेल के रूप में तब्दील कर दिया गया है.


पांच किसानों की मौत पुलिस फायरिंग में हुई

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने  स्वीकार किया है कि प्रदेश के मंदसौर जिला स्थित पिपलिया मंडी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान पांच किसानों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई है। इससे पहले पिछले दो दिनों से प्रदेश सरकार पुलिस फायरिंग से इनकार कर रही थी. इस पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत होने के साथ-साथ छह अन्य किसान घायल भी हुए थे. इसके चलते राज्य के पश्चिमी भाग में अपनी उपज का वाजिब दाम लेने सहित 20 मांगों को लेकर एक जून से आंदोलनरत किसान अब मध्यप्रदेश सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई करने पर उतर आए हैं.
साथ ही मंदसौर के डीएम स्वतंत्र कुमार और एसपी ओपी त्रिपाठी का तबादला हो गया है. अब शिवपुरी के डीएम को मंदसौर का डीएम बनाया गया है. वहीं शिवराज सरकार अब नरमी के मूड में दिख रही है. सूत्रों के मुताबिक- 2000 करोड़ की ब्याज माफी का ऐलान आज संभव है.


राहुल गांधी आज मंदसौर के दौरे पर हैं

इससे पहले बुधवार को पूरे दिन जगह-जगह से हिंसा की खबरें आती रहीं. पूरे इलाके में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है. राज्य सरकार ने उपद्रवियों से निपटने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की पांच और कंपनियों की मांग की, जिसके बाद केंद्र ने 1100 दंगा विरोधी पुलिस बल मंदसौर भेजे हैं. मंदसौर के अलावा नीमच, रतलाम में भी मोबाइल इंटरनेट बंद है. इस बीच बुधवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की.


कई जगह गाड़ियों को जलाया गया, पथराव किया गया

मंदसौर में हुई गोलीबारी में पांच किसानों की मौत के बाद किसानों का गुस्सा जमकर सड़कों और रेल की पटरियों पर टूटा. कई जगहों पर गाडियों को जला दिया गया, पथराव कर बसों के शीशे तोड़े गए और ट्रेन की पटरियों के साथ तोड़फोड़ की गई.


कलेक्टर को उलटे पांव लौटना पड़ा

वहीं  मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार किसानों को समझाने गए, लेकिन भीड़ से जान बचाकर उन्हें भागना पड़ा. डीएम ने अब तक सरकार की लाइन को दोहराते हुए कहा कि फायरिंग के आदेश नहीं दिए गए थे.


भोपाल से दिल्ली तक की बैठक नहीं लगा पाई जख्मों पर मरहम

शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर शांति की अपील की है, लेकिन शायद भोपाल से दिल्ली तक की बैठक में मालवा के किसानों के जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाए.


प्रशासन ने नेताओं को नहीं जाने दिया मंदसौर

इधर, इस मामले पर पर राजनीति भी तेज होती जा रही है. बुधवार को कांग्रेस के बंद के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंदसौर जाकर पीड़ित परिवारों से मिलेंगे. राहुल को मंदसौर जाना था, लेकिन हालात को देखते हुए उन्होंने अपना दौरा एक दिन के लिए टाल दिया था. इधर, बीजेपी का कहना है कि राहुल के मंदसौर आने से हालात और बिगड़ेंगे. ऐसे में उन्हें राजनीति करने से बचना चाहिए. बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं ने मंदसौर जाने की कोशिश की थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया था.

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