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नैशनल हाइवेज लीज पर देगी सरकार, ट्रांसपोर्ट ऐंड हाइवेज मिनिस्ट्री करवाएगी बिडिंग :

18 August 2017 | 12.07 PM

नई दिल्ली  : सरकारी पैसों से बने राष्ट्रीय राजमार्गों को मॉनिटाइज करने के लिए बनाई गई योजना पर अगले महीने काम शुरू हो जाएगा। इस योजना के हिसाब से सरकार 11 हाइवे के लिए बोली मंगाएगी। इनको लीज पर देने से रोड ट्रांसपोर्ट ऐंड हाइवेज मिनिस्ट्री को 6500 करोड़ रुपये की रकम मिलने की उम्मीद है। इन 11 हाइवे में 4 गुजरात और 7 आंध्र प्रदेश में हैं और इनकी कुल लंबाई 700 किलोमीटर से थोड़ी कम है। इन हाइवे को रोड ट्रांसपोर्ट ऐंड हाइवेज मिनिस्ट्री टोल ऑपरेट ऐंड ट्रांसफर (TOT) मॉडल के हिसाब से नीलाम करेगी।


TOT मॉडल में पेंशन फंड्स और पीई फर्म्स को एकमुश्त पेमेंट करके सरकार के मालिकाना हक वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को 30 साल के लिए लीज पर लेने का मौका मिलेगा। कन्सेशन पीरियड के दौरान फंड और उसके ऑपरेशंस ऐंड मेंटेनेंस पार्टनर को लीज वाले हाइवे पर टोल वसूल करने और उन्हें मेंटेन करने की इजाजत होगी। नैशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) टोल कलेक्शन में तेज गिरावट आने या हाइवे में कोई बुनियादी या इंजिनियरिंग फॉल्ट निकलने जैसी अप्रत्याशित घटनाओं से रिस्क कवर मुहैया करा सकता है।


एक टॉप सरकारी सूत्र ने बताया कि बिडर्स में टेमसेक होल्डिंग्स और सिंगापुर के जीआईसी जैसे कई इंटरनैशनल फंड, जेपी मॉर्गन ऐसेट मैनेजमेंट और अबूधाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) हो सकते हैं। सूत्र के अनुसार, 'बोली सितंबर के मध्य में शुरू होगी और हमने बिडिंग प्रक्रिया को दो महीने के भीतर पूरा करने का प्लान बनाया है। अगले साल की शुरुआत में ऐसे कई प्रॉजेक्ट्स के लिए बोली मंगाई जा सकती है।'


सरकार का दावा है कि निवेशकों को शानदार रिटर्न मिल सकता है, क्योंकि देशभर में टोल कलेक्शन सालाना 7-8 पर्सेंट की रेंज में बढ़ रहा है। जहां तक ट्रैफिक की बात है तो इसमें सालाना 10 पर्सेंट रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है। इसी महीने रोड ट्रांसपोर्ट ऐंड हाइवे मिनिस्टर नितिन गडकरी ने लोकसभा को बताया था कि एडीआईए, सिंगापुर के सॉवरन वेल्थ फंड जीआईसी, सिंगापुर की निवेश कंपनी टेमसेक होल्डिंग्स, हेस्टिंग्स फंड्स मैनेजमेंट, मॉर्गन स्टेनली इन्फ्रास्ट्रक्चर, इक्विरस कैपिटल, जेपी मॉर्गन ऐसेट मैनेजमेंट सहित कई विदेशी निवेशक TOT मॉडल के तहत इंडिया में निवेश करने को आतुर हैं।


भारत सरकार ने अपने लगभग 100 चालू नैशनल हाइवे को लीज पर देने की योजना बनाई है। इनसे उसको लगभग 75,000 करोड़ रुपये की आमदनी हो सकती है। सरकार मॉनिटाइजेशन के जरिए नए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स पर काम करने के लिए फंड जुटाने के वास्ते ऑपरेशनल ऐसेट्स में डाइवेस्टमेंट की योजना के तहत अपने प्रॉजेक्ट्स लीज पर देने की कवायद की शुरुआत कर रही है।

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