जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में 20 लाख रुपये से कम सालाना कारोबार करने वाले करीब एक लाख व्यापारी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के दायरे से बाहर होंगे। प्रदेश में इतने ही व्यापारी जीएसटी के दायरे में आ सकेंगे। जीएसटी के दायरे से बाहर व्यापारियों के लिए हालांकि पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं है, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल करने के लिए यह जरूरी हो गया है।
हरियाणा में एक जुलाई से जीएसटी लागू, मई-जून में होगा बिल पास –
प्रदेश सरकार 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने का मन बना चुकी है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की अधिकारियों के साथ बैठकों का सिलसिला निरंतर चल रहा है। राज्य सरकार ने इस बिल को पास कराने के लिए विधानसभा का एक दिन का स्पेशल सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। सत्र की तारीख 18 अप्रैल को होने वाली कैबिनेट की बैठक में तय होना संभव है। माना जा रहा कि मई के आखिरी सप्ताह अथवा जून के पहले सप्ताह में विधानसभा का सत्र बुलाया जा सकता है।
पेट्रोल, डीजल और शराब जीएसटी के दायरे में नहीं, कुछ वस्तुओं पर लगेगा सैस –
प्रदेश में पेट्रोल, डीजल और शराब जीएसटी के दायरे से बाहर रखे गए हैैं। वस्तुओं की विभिन्न कैटेगरी के लिहाज से टैक्स के चार स्लैब रखे गए हैैं। एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है, जो टैक्स के दायरे में नहीं आएगा। पहला स्लैब 5 फीसदी, दूसरा 12 फीसदी, तीसरा 18 फीसदी और चौथा स्लैब 26 से 28 फीसदी टैक्स का भुगतान करने वालों का होगा। कुछ वस्तुओं पर सैस लगाने की तैयारी है।
दूसरी से चौथी तिमाही में जीएसटी से जुटेंगे 22 हजार करोड़ –
वित्त वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही में वैट से लगभग 8500 करोड़ रुपये का राजस्व और दूसरी से चौथी तिमाही में जीएसटी से लगभग 22 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। यह वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमान पर 15.5 फीसदी की बढ़ोतरी को दर्शा रहा है। इसके अलावा राज्य आबकारी शुल्क से करीब 6100 करोड़ रुपये, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन फीस से 3900 करोड़ रुपये और वाहनों पर कर से 2400 करोड़ रुपये का राजस्व जुटने की संभावना है। जीएसटी लगने के बाद यदि हरियाणा को टैक्स के मामले में कोई नुकसान होता है तो राज्यों की भरपाई की नीति के तहत केंद्र अगले तीन वर्ष तक इसका भुगतान करेगा। जीएसटी देश में एक प्रमुख कराधान सुधार है।
यह समान कराधान कानून देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के बीच वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति को परेशानीमुक्त बनाएगा। जीएसटी एक राष्ट्र एक कर की अवधारणा को भी साकार करेगा। हरियाणा जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए आइटी आधारभूत संरचना के विकास के मामले में माडल-वन राज्य है। विभाग के सभी अधिकारियों को जीएसटी के प्रावधानों के संबंध में उचित रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में वैट के तहत मौजूदा डीलर्स को भी जीएसटी के तहत लाने की प्रक्रिया चल रही है।