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वॉट्सऐप का पेमेंट फीचर, जानिए कब से होगा शुरू?

18 January 2018 | 11.45 AM

वॉट्सऐप के जिस पेमेंट फीचर का इंतजार था, वह अगले महीने तक लाइव हो सकता है। ईटी को यह बात मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताई है। वॉट्सऐप के इस फीचर से देश में डिजिटल पेमेंट्स को अच्छा-खासा बढ़ावा मिलेगा। सूत्रों ने बताया कि देश में बड़े पैमाने पर यूज होने वाला मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) बेस्ड अपने पेमेंट प्लैटफॉर्म को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, HDFC बैंक और एक्सिस बैंक के साथ इंटीग्रेशन के अलग-अलग चरण में है।


एक सूत्र ने बताया, 'वॉट्सऐप पहले से एक पार्टनर बैंक के साथ अपने इस फीचर की टेस्टिंग कर रहा है। हमारा मानना है कि ट्रायल के नतीजों के हिसाब से यह प्रॉडक्ट फरवरी अंत तक कन्ज्यूमर्स के लिए लाइव हो सकता है।' दूसरे बैंकिंग सूत्र ने कहा कि वॉट्सऐप बैंकों के साथ सिस्टम इंटीग्रेशन के अलग-अलग चरणों में है। बैंकर ने कहा, 'हम डेटा सेफ्टी सुनिश्चत करने के लिए सिक्यॉरिटी चेक कर रहे हैं।' इंटीग्रेशन प्रोसेस में सिक्यॉरिटी चेक के बाद लाइव होने से पहले अंतिम चरण में चुनिंदा यूजर्स के बीच प्रॉडक्ट की टेस्टिंग होगी।


फेसबुक की इस मेसेजिंग कंपनी को जुलाई में यूपीआई से इंटीग्रेशन के लिए सरकारी इजाजत मिली थी। इस तरह यह गूगल सहित दूसरे ग्लोबल दिग्गजों की जमात में शामिल हो गया है जो बैंकों से डायरेक्टली कनेक्ट इंस्टैंट पेमेंट फसिलटी का अपना वर्जन लाने की तैयारी में जुटे हैं। भारत में हर तबके के लोगों के बीच पैठ वाली मेसेजिंग सर्विस वॉट्सऐप के पेमेंट फीचर का बड़ी बेसब्री से इंतजार हो रहा है। इसमें देश के एक बड़े तबके को डिजिटल पेमेंट्स ईकोसिस्टम के दायरे में लाने की क्षमता है।


हालांकि बैंकरों ने यह भी कहा कि खासतौर पर बैंक कस्टमर्स के डेटा के मद्देनजर इंटीग्रेशन से पहले सुरक्षा संबंधी बहुत सी शंकाओं का निवारण जरूरी है। वॉट्सऐप के साथ सिस्टम इंटीग्रेशन प्रोसेस में शामिल दूसरे सीनियर बैंकर ने कहा, 'टेक्स्ट मेसेज जितनी आसानी से पैसे भेजने की सुविधा में डेटा को सेफ रखने के लिए कई लेवल पर एनक्रिप्शन सुनिश्चित करना होगा। यूपीआई खुद कई बैंकिंग पार्टनर्स का एक जटिल सेटलमेंट मेकेनिज्म है। प्रॉडक्ट के लाइव होने से पहले इन मसलों का निपटारा जरूरी है।'


वॉट्सऐप बैकएंड में पैसे भेजने और पैसा पाने वाले की पहचान में टॉप लेयर का काम करेगा। इसके पेमेंट्स प्लेटफॉर्म को बैंकों के साथ इंटीग्रेट किया जा रहा है, इसलिए यह कस्टमर्स के बैंक अकाउंट की भी पहचान करेगा और अंत में UPI ट्रांजैक्शन सेटलमेंट में हेल्प करेगा।

 

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