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सरकार: घरेलू बाजार में विदेशी गेहूं की आपूर्ति रोकेगी

15 February 2018 | 12.41 PM

नई दिल्ली: गेहूं की कटाई शुरू होने के पहले सरकार घरेलू बाजार में विदेशी गेहूं के आने का रास्ता रोकेगी। इसके लिए आयात शुल्क बढ़कर दोगुना तक हो सकता है। वैश्विक बाजार का सस्ता गेहूं घरेलू थोक उपभोक्ताओं को ज्यादा आकर्षित करता है, जिसे रोकने की पूरी कोशिश होगी।


गेहूं का बुवाई रकबा घटने से पैदावार में कमी आने का अनुमान है, जिससे घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ सकती हैं। दूसरी ओर, मध्य प्रदेश जैसे राज्य ने गेहूं खरीद के लिए समर्थन मूल्य पर दो सौ रुपये बोनस देने का एलान किया है। गेहूं आयात की संभावना को देखते हुए सरकार सीमा शुल्क को बढ़ाकर दोगुना करने पर विचार कर रही है।


राज्यों के खाद्य सचिवों की 15 फरवरी को दिल्ली में बैठक आयोजित की गई है, जिसमें गेहूं की खरीद, भंडारण के साथ वैश्विक बाजार की स्थितियां और आयात की संभावना पर विचार किया जाएगा। बैठक में कृषि, खाद्य, उपभोक्ता मामले और वाणिज्य मंत्रलय के आला अफसर हिस्सा लेंगे। इसमें गेहूं आयात से घरेलू बाजार में पैदा होने वाली कठिनाइयों और किसानों की हालत पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।


गेहूं आयात पर फिलहाल 20 फीसद का शुल्क लगाया गया है। सूत्रों के मुताबिक इसे दोगुना तक बढ़ाकर 40 फीसद किया जा सकता है। सचिवों की अंतर मंत्रलयी समिति ने इस प्रस्ताव पर पिछले महीने ही विचार किया था, लेकिन फैसला 15 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया था। इस दिन राज्यों के सचिवों की बैठक होनी है, जिसमें गेहूं की पैदावार को लेकर अंतिम आंकड़े का अनुमान लगाया जाना है।


फसल वर्ष 2016-17 के दौरान कुल 57 लाख टन से अधिक गेहूं का आयात किया गया था। जबकि घरेलू बाजार में पर्याप्त गेहूं है। लेकिन 20 फीसद के सीमा शुल्क के साथ आयातित गेहूं सस्ता यानी 1850 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पड़ता है। जबकि मध्य प्रदेश का गेहूं दक्षिणी राज्यों में पहुंचते-पहुंचते 2200 रुपये प्रति क्विंटल हो जाता है।

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