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रेडी-टू-मूव फ्लैट्स की बढ़ेगी डिमांड, टियर-टू, थ्री सिटीज को मिलेगा फायदा...

20 November 2017 | 1.18 PM

नई दिल्ली: कैबिनेट के फैसले से रियल एस्टेेट मार्केट को काफी बूस्ट़ मिलेगा। इससे रेडी-टू-मूव फ्लैट्स की डिमांड बढ़ेगी। साथ ही, इसका फायदा टियर-टू व थ्री सिटीज को अधिक मिलेगा। एक्सटपर्ट्स मानते हैं कि मोदी सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं और अब बायर्स को इसका फायदा उठाना चाहिए।


क्या है फैसला

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत क्रेडिट लिंक्डए सब्सिडी स्कीम का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब 12 लाख रुपए तक इनकम वाले मिडिल क्लास के लोग 120 वर्ग मीटर साइज के फ्लैट खरीदने पर सब्सिडी का लाभ ले सकेंगे। जबकि 18 लाख रुपए तक के इनकम ग्रुप को अब 150 वर्ग मीटर के फ्लैट खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी। पहले यह सब्सिडी 90 और 110 वर्ग मीटर तक ही मिलती थी।


अफोर्डेबल हाउसिंग को होगा फायदा


अनारॉक प्रॉपर्टी कंसलटेंट के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में डिमांड और सप्लायई बढ़ेगी। पुरी के मुताबिक, सरकार ने पिछले कुछ समय के दौरान जितने भी कदम उठाए हैं, उससे 40 लाख से कम कीमत वाले घरों की डिमांड बढ़ी है। साल 2017 के तीसरे क्वाहर्टर की रिपोर्ट बताती है कि देश के दस शहरों में 40 लाख से कम कीमत वाले फ्लैट्स की लॉन्चिंग बढ़ी है, जिसका शेयर आधे से अधिक लगभग 52 फीसदी है।


रेडी-टू-मूव की डिमांड बढ़ेगी


कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेाट डेवलपर्स एसोसिएशन्सस (क्रेडाई), वेस्टार्न यूपी के सेक्रेट्री सुरेश गर्ग ने कहा कि यह सरकार का बड़ा फैसला है, जिससे रियल एस्टे‍ट इंडस्ट्री को काफी फायदा होगा। उन्हों ने कहा कि इसका सबसे अधिक फायदा उन डेवलपर्स को होगा, जिनके पास रेडी-टू-मूव फ्लैट्स की संख्या अधिक है। एक्सोका हाउसिंग के एमडी दिनेश जैन ने भी कहा कि क्रेडिट लिंक्डस सब्सिडी स्कीम का दायरा बढ़ने से अब घर खरीददारों के लिए विकल्क बढ़ गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि मार्केट में रेडी-टू-मूव की संख्या अच्छी खासी है, जिस कारण मार्केट में बूम आने की पूरी संभावना है।


टियर-टू और थ्री सिटीज को होगा फायदा


अनुज पुरी ने कहा कि अफोर्डेबल मार्केट पर सरकार के फोकस के बाद टियर-टू और थ्री सिटीज को काफी फायदा मिल रहा है। टियर टू और थ्री सिटीज में पिछले साल के मुकाबले साल 2017 में 17 फीसदी वृद्धि हुई है। इनमें जयपुर, चंडीगढ़, अमृतसर, सोहना, लखनऊ, नागपुर, सूरत, वडोदरा और विशाखापट्टनम प्रमुख हैं।

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