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शेयर मार्केट कैप पहुंचा 2 लाख करोड़ डॉलर के पार, बनी रहेगी तेजी :

18 May 2017 | 3:36 PM

इससे भारत दुनिया का 9वां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है। वहीं, इमर्जिंग मार्केट्स में चीन के बाद भारत का मार्केट कैप सबसे अधिक है। जनवरी के बाद से डॉलर टर्म में भारतीय बाजार में 28 पर्सेंट की तेजी आई है, जो मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया के 20 सबसे बड़े मार्केट्स में सबसे अधिक रिटर्न है। इस रैली से भारत का मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो 10 साल के एवरेज 0.78 पर्सेंट से अधिक हो गया है। इमर्जिंग मार्केट्स के लिए यह रेशियो 0.2 से 0.8 के बीच रहती है, जबकि विकसित देशों के शेयर बाजार के लिए 0.5-2.2 के बीच।

ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी के चीफ इकॉनमिस्ट और ईडी सुजान हाजरा ने कहा, 'भारत में लिस्टेड कंपनियों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। एक्टिवली ट्रेडेड कंपनियों में से करीब 50 पर्सेंट का मार्केट कैप 500 करोड़ रुपये से कम है। इससे पता चलता है कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में कंपनियां शेयर बाजार से जल्द फंड जुटाती हैं। भारत में मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो इसलिए अधिक है क्योंकि यहां के उद्यमी पब्लिक से फंड जुटाने में दिलचस्पी रखते हैं और उन्हें निवेशकों की तरफ से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलता है।' भारत में मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो 2007 में 1.48 के पीक लेवल पर पहुंची थी। ग्लोबल मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो 0.98 थी।

इस रेशियो से इक्विटी मार्केट के ग्लोबल एक्सपर्ट्स कई बार शेयर बाजार के रिलेटिव वैल्यूएशन का अंदाजा लगाते हैं। जब यह 1 से अधिक होती है, तब बाजार को महंगा माना जाता है। अगर इस थ्योरी पर यकीन करें तो भारत में मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो को 1 से अधिक होने के लिए और 10 पर्सेंट की तेजी जरूरी है। बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड के सीईओ ए बालसुब्रमण्यन ने बताया, 'भारत में प्राइवेट और गवर्नमेंट कैपेक्स के शुरू होने पर मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो में और बढ़ोतरी हो सकती है। इस साल के अंत तक देश की रेटिंग भी अपग्रेड होने की संभावना है। ऐसा होता है तो मार्केट कैप टु जीडीपी रेशियो में और बढ़ोतरी होगी।'

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