• fulldetail

टोल प्लाजों की कमाई बढ़ी लालबत्ती के हटने से :

03 June 2017 | 12.23 PM

नई दिल्ली: वीआइपी गाडि़यों से लाल बत्ती हटने के बाद से राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रह में पांच फीसद का इजाफा हुआ है।उन्होंने कहा कि अच्छी सुविधाएं चाहिए तो सभी को पैसे खर्च करने पड़ेंगे। इसलिए निर्धारित श्रेणियों को छोड़ सभी को टोल टैक्स देना होगा। गडकरी ने कहा कि सरकार ने टोल संग्रह बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के 351 टोल प्लाजाओं की एक-एक लेन में इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह प्रणाली लगाई है। लेकिन शीघ्र ही इसका विस्तार सभी लेनों में किया जाएगा। दरअसल, सड़कों के रखरखाव के लिए रोड यूजर चार्ज के रूप में टोल वसूली को दुनिया भर में मान्यता दी गई है। भारत ने भी इस सिद्धांत को अपनाया है और एक निर्धारित फार्मूले के तहत टोल संग्रह की दरें निर्धारित की गई हैं, जिनका समय-समय पर पुनरीक्षण होता रहता है।


टोल संग्रह में सहूलियत व पारदर्शिता के लिए सरकार ने 2015 में इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन प्रणाली (ईसीएस) लागू की थी। इसे अब तक 351 टोल प्लाजाओं में लागू किया जा चुका है। इससे टोल संग्रह में इजाफा हुआ है। वर्ष 2013-14 में जहां 11,437 करोड़ रुपये का टोल संग्रह हुआ था। वहीं ईसीएस लागू होने के बाद 2015-16 में इसके 16 हजार करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। जहां तक लाल बत्ती कल्चर का सवाल है तो सरकार ने 1 अप्रैल, 2017 से वीआइपी वाहनों पर लाल बत्ती लगाने पर रोक लगा दी थी। साल में लगभग 16 हजार करोड़ का टैक्स टोल से आता है। इस तरह पूरे साल भर में 800 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त ल संग्रह केवल लालबत्ती खत्म होने की वजह से होगा। हालांकि इलेक्ट्रानिक टोलिंग के विस्तार व माल परिवहन में बढ़ोतरी जैसे अन्य कारणों से टोल संग्रह में वास्तविक बढ़ोतरी इससे भी कहीं ज्यादा होने की संभावना है।


गडकरी ने जल्द ही ऐसी व्यवस्था करने के संकेत दिए जिसमें सभी वाहनों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन (आरएफआइडी) आधारित फास्टैग लगाना अनिवार्य होगा। दिल्ली से जुड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर ऐसी हाईटेक व्यवस्था होगी कि किसी टोल प्लाजा पर रुककर टोल अदा करने की जरूरत नहीं रहेगी। फास्टैग के जरिए वाहन चालक के खाते से अपने आप टोल टैक्स कट जाएगा। भविष्य में यह व्यवस्था सभी एक्सप्रेसवे व हाईवे पर भी लागू होगी। ईसीएस के तहत 15 मई, 2017 तक कुल 4,79,000 फास्टैग जारी किए जा चुके थे। फास्टैग की बिक्री से सरकार को 1051 करोड़ रुपये का राजस्व अलग से प्राप्त हुआ है।


इलेक्ट्रानिक टोल प्रणाली से न केवल टोल संग्रह में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने में भी मदद मिली है, क्योंकि ईसीएस में इलेक्ट्रानिक वेब्रिज के जरिए वाहन का वजन भी तुल जाता है। मोटर वाहन एक्ट व कैरिज बाय रोड एक्ट में अतिरिक्त माल साबित होने पर उसे वाहन स्वामी के खर्च पर उतारने के साथ जुर्माने के तौर पर दस गुना टोल वसूलने का प्रावधान है। यही वजह है कि ट्रांसपोर्ट संगठन इलेक्ट्रानिक टोल प्रणाली का विरोध कर रहे हैं। वे हर सड़क पर रोजाना टोल वसूली के बजाय एकमुश्त सालाना टोल वसूली की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया है।

Comment Here