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Movie Review : जानिए बरेली की बर्फी कितनी मीठी रही

18 August 2017 | 11.33 AM

कलाकार : आयुष्मान खुराना, कृति सेनन, राजकुमार राव
निर्देशक : अश्विनी अय्यर तिवारी
मूवी टाइप : Romantic Comedy
अवधि : 2 घंटा 3 मिनटआपके शहर में शो टाइम 


कहानी : बिट्टी मिश्रा ( कृति सेनन) बरेली की एक बिंदास लड़की है, जो प्रीतम विद्रोही (राजकुमार राव) के प्यार में पागल हो जाती है। प्रीतम एक लेखक है, जिसके खुले विचार की कायल हो जाती है बिट्टी। अब इतने लोगों की भीड़ में उसे ढूंढने के लिए खून-पसीना एक करना पड़ता है। बिट्टी अपने इस प्यार की तलाश के लिए वहीं के एक लोकल प्रिंटिंग प्रेस मालिक, चिराग दूबे ( आयुष्मान खुराना) की मदद लेती हैं।


रिव्यू: 'बरेली की बर्फी' हिन्दी सिनेमा में एक शानदार पड़ाव है। यह रोमांटिक कॉमिडी फिल्म उत्तर भारत के एक छोटे से शहर बरेली पर बेस्ड है, जिसके किरदार आपको बिल्कुल रियल लगेंगे और आपका दिल जीत लेंगे। लेखक नितेश तिवारी ( ब्लॉकबस्टर 'दंगल' के डायरेक्टर और राइटर) ने श्रेयष जैन के साथ मिलकर एक ऐसी कहानी गढ़ी है जो लेखन, निर्देशन, ऐक्टिंग और म्यूजिक हर मामले में लोगों का दिल जीत लेगी।


जहां तक परफॉर्मेंस की बात है तो राजकुमार राव ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। चाहे वह सेल्समैन के रूप में अपने ऊपर साड़ी लपेट रहे हों या फिर गली का गुंडा नज़र आ रहे हों, हर किरदार में वह फिट आकर्षक दिख रहे। कृति सेनन इस फिल्म में प्यारी बिट्टी ही नहीं, बल्कि बेहद प्यारी-सी एक बेटी भी हैं, वहीं आयुष्मान की नीयत इतनी सहजता से बदलती है कि आपको एहसास ही नहीं होता कि उनका किरदार कब अच्छे से बुरा हो गया। पंकज त्रिपाठी और सीमा पाहवा ने भी शानदार अभिनय किया है, जिसके बाद आप इन्हें दोबारा देखना चाहेंगे।


अपनी डायरेक्टोरियल डेब्यू 'नील बटे सन्नाटा' से दर्शकों का दिल जीत चुकीं अश्विनी अय्यर तिवारी ने एक बार फिर शानदार परफॉर्म किया है। उन्होंने इस कॉमिडी में अपना दिल और जान पूरी तरह से लगा दिया और फिल्म की शानदार कहानी ने इसे और भी जानदार बना दिया।


फिल्म में लीड और सपॉर्टिंग कलाकारों की हरकतें हर बार आपको ठहाका लगाकर हंसने पर मजबूर कर देंगी। इसे देखकर एहसास होगा कि हमारी रोज की जिंदगी में भी बहुत सी मजेदार चीजें हैं जिसका आनंद लेना हम भूल चुके हैं। फिल्म की हिरोइन बिट्टी पर वापस आते हैं, वह एक मिठाई की दुकान के मालिक (पंकज) और उसकी रूढ़िवादी पत्नी (सीमा) की इकलौती बेटी है। उसके पिता ने उसे एक बेटे की तरह बड़ा किया है, यहां तक की उसे सिगरेट और शराब पीने की भी अनुमति दे रखी है। वहीं, इसके विपरीत उसकी छोटे शहर की मां सिर्फ उसे शादी करते देखना चाहती है।


ट्रेन में यात्रा के दौरान, बिट्टी 'बरेली की बर्फी' नाम के एक नॉवल को पढ़कर खत्म करती है और इसके बाद ही कहानी में नया मोड़ आता है। वह न सिर्फ किताब के लीड कैरक्टर को पहचान जाती है बल्कि उसके लेखक की तलाश में भी पूरी तरह से जुट जाती है। वह चिराग के साथ ज्यादा समय बिताने लगती है और वे दोनों अच्छे दोस्त भी बन जाते हैं। चिराग बिट्टी से वादा करता है कि वह प्रीतम-प्यारे को ढूढ़ने में उसकी मदद करेगा।


जावेद अख्तर के वॉइस ओवर के साथ फिल्म के कलाकारों और परिस्थितियों से परिचित कराया जाता है जो काफी दमदार है, इसके लिए एक फिर मजाकिया पंचों का धन्यवाद। 'तनु वेड्स मनु' और इसके सीक्वल फिल्म की तरह इस फिल्म में भी आप इसके बारिश और खुले पलों में खो जाएंगे। साथ ही बोनस में आापको पेपी 'स्वीटी तेरा ड्रामा' और 'ट्विस्ट कमरिया' गाने सुनने को मिलेंगे। एक बार इस बर्फी को जरूर खाएं क्योंकि यह आपके उत्साह को बढ़ा देगी।

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