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जानिए! किस कारण से स्मार्टफोन मे हैकिंग हुआ आसान

9 September 2017 | 11.37 AM

इन दिनों स्मार्टफोन्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड पर्सनल ऐसिस्टेंट का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. सिरी, गूगल ऐसिस्टेंट, बिक्सबी और ऐलेक्सा जैसे AI प्रोग्राम ज्यादातर स्मार्टफोन्स में दिए जा रहे हैं. लेकिन क्या ये सेफ हैं? आप सोच रहे होंगे, इससे क्या दिक्कत है. आपको बता दें कि इससे हैकिंग की जा सकती है और आपके स्मार्टफोन में हैकर्स सेंध लगा सकते हैं.


गूगल ऐसिस्टेंट और सिरी को हैकर्स गलत तरीके से यूज करके आपके स्मार्टफोन एंटर हो सकते हैं. चीन की झेजियांग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की एक टीम ने एक ऐसा तरीका ढूंढ निकाला है जिसके जरिए बिना कोई शब्द बोले ही वायस रिकॉग्निशन ऐक्टिवेट किया जा सकता है. सबसे पहले उन्होंने वॉयस ऐसिस्टेंट्स में खामियां ढूंढी जो लगभग सभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड ऐसिस्टेंट में होते हैं.


गौरतलब है कि इस तरीके को डॉल्फिन अटैक भी कहा जाता है. इसके तहत अल्ट्रसॉनिक फ्रिक्वेंसी को यूज करके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड वर्चुअल ऐसिस्टेंट को ऐक्टिवेट करता है. ये फ्रिक्वेंसी इंसानों को सुनाई नहीं देती हैं, लेकिन स्मार्टफोन के माइक्रोफोन इसे आसानी से सुन सकते हैं.


उदाहरण के तौर पर आपके साथ बैठा कोई शख्स इस तकनीक से आपके स्मार्टफोन के किसी ऐप में ऐक्सेस कर सकता है और आपको पता भी नहीं चलेगा. कमांड्स दे कर हैकर्स आपके स्मार्टफोन के वर्चुअल ऐसिस्टेंट को हाइजैक कर लेंगे और कमांड्स देकर इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं. वॉयस कमांड के जरिए आपके स्मार्टफोन में खतरनाक वेबसाइट खोलकर आपकी डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं.


सबसे गंभीर समस्या यह है कि इस अटैक से एंड्रॉयड और आईफोन दोनों ही मुश्किल में आ सकते हैं. अब चाहे आप आईफोन यूज करें या फिर कोई दूसरा स्मार्टफोन, आपके लिए खतरा बना हुआ है. रिसर्चर्स के मुताबिक डॉल्फिन अटैक वॉयस कमांड्स को आप सुन नहीं सकते हैं. हार्डवेयर इसे सुनकर समझ भी सकते हैं. क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड ऐप को नहीं पता कि आप कमांड दे रहे हैं या कोई हैकर.

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