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कैसी हो निवेश रणनीति, जब बाजार हो 10,000 पार ?

19 September 2017 | 1.03 PM

मुबंई
शेयर बाजार की एकतरफा रैली ने कई तजुर्बेकार निवेशकों को भी हैरान कर दिया है। बाजार में लगातार पैसा आ रहा है और बेंचमार्क इंडेक्स ऊपर भाग रहे हैं। ऐसे में निवेशकों को क्या करना चाहिए? क्या उन्हें सतर्क रहना चाहिए या अग्रेसिव अप्रोच दिखानी चाहिए? क्या उन्हें सीधे शेयरों में पैसा लगाना चाहिए या म्यूचुअल फंड के जरिये निवेश करना चाहिए? क्या फ्यूचर्स ऐंड ऑप्शंस मार्केट में हाथ आजमाया जा सकता है? डेटा की पड़ताल और कई एक्सपर्ट्स से बात करने के बाद हम निवेशकों के लिए बेस्ट सलाह यहां दे रहे हैं।


बुल मार्केट में किसी फंड मैनेजर के लिए सबसे बड़ा रिस्क यह होता है कि पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाए। उन्हें ऐसा पोर्टफोलियो बनाना होता है जो मार्केट साइकल या मोमेंटम रैली के खत्म होने के बाद भी आउटपरफॉर्म करे। इसका टाइम टेस्टेड फॉर्मूला यह रहा है कि क्वॉलिटी स्टॉक्स में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाया जाए। निवेश करते वक्त यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कंपनी की प्रॉफिट ग्रोथ में कहीं बड़ी गिरावट तो नहीं आएगी। जब शेयर बाजार का वैल्यूएशन अधिक हो, तब हमेशा बुनियादी तौर पर मजबूत कंपनियों के ही शेयर खरीदने चाहिए। इसके साथ, उन स्टॉक्स में निवेश बढ़ाइए, जिनकी अनुमानित वॉल्यूम ग्रोथ अच्छी रहने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में अगर मैक्रो लेवल पर कोई चुनौती आती भी है तो शेयर प्राइस में बहुत गिरावट नहीं आएगी।


इस वजह से हो सकता है कि कई फंड मैनेजर मारुति सुजुकी, हीरो मोटोकॉर्प, आयशर मोटर्स, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, ओएनजीसी, जिलेट और कैस्ट्रॉल जैसी कंपनियों में निवेश बढ़ा रहे हों क्योंकि इनकी अनुमानित प्रॉफिट ग्रोथ में स्लिपेज की आशंका बहुत कम है। हाल में मारुति सुजुकी और आयशर मोटर्स ने आउटपरफॉर्म किया है। उसकी वजह फंड मैनेजरों का इन कंपनियों में निवेश बढ़ाना है। आयशर और मारुति की वॉल्यूम ग्रोथ अच्छी रहने वाली है, जबकि कई कंपनियां नोटबंदी और जीएसटी की वजह से अभी मुश्किल दौर से गुजर रही हैं।


देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की वॉल्यूम ग्रोथ इस साल 12-14 पर्सेंट रह सकती है। कंपनी के हाथ प्रॉडक्शन कपैसिटी की वजह से बंधे हुए हैं, नहीं तो वॉल्यूम ग्रोथ और अधिक हो सकती थी। हालांकि, इसी वजह से अनुमानित वॉल्यूम ग्रोथ में गिरावट की आशंका कम है। हीरो मोटोकॉर्प की वॉल्यूम ग्रोथ अगले दो वित्त वर्ष में 7-9 पर्सेंट के बीच रह सकती है। कंपनी की अनुमानित वॉल्यूम ग्रोथ उसकी लॉन्ग टर्म सालाना ग्रोथ के मुताबिक है। हीरो मोटोकॉर्प का डिविडेंड देने के मामले में शानदार रिकॉर्ड रहा है। इससे लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स को राहत मिलेगी।


एनटीपीसी और पावर ग्रिड यूटिलिटी कंपनियां हैं, जिन्हें अधिकतर आमदनी फिक्स्ड रिटर्न ऑफ इक्विटी मॉडल के हिसाब से मिलती है। इसलिए इन कंपनियों की अनुमानित प्रॉफिट ग्रोथ में बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है। कम ऑयल प्राइसेज और करेंसी मूवमेंट की वजह से फंड मैनेजर ओएनजीसी में निवेश कर रहे हैं। करीब 10 साल तक कमजोर ग्रोथ के बाद ओएनजीसी की वॉल्यूम ग्रोथ इस वित्त वर्ष में बढ़िया दिख रही है। वहीं, पिछले कुछ वर्षों में वॉल्यूम में गिरावट के बावजूद कैस्ट्रॉल इंडिया प्रॉफिट ग्रोथ बढ़ाने में सफल रही है। डिविडेंड यील्ड के लिहाज से यह सबसे अच्छी कंपनियों में से एक है।

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