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क्रेडिट कार्ड बिल से परेशानी हो रही है तो, इस उपाय से मिलेगी राहत:

10 February 2018 | 12.43 PM

नई दिल्ली: 'क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुका पा रहे हैं? अपने आउटस्टैडिंग बैलेंस को कम ब्याज दर पर ट्रांसफर करें।' ऐसे मेसेज आपको विभिन्न बैंकों की ओर से मिलते होंगे। आखिर यह बैलेंस ट्रांसफर है क्या? इसका फायदा क्या है? दरअसल, बैलेंस ट्रांसफर का मतलब ही है- किसी क्रेडिट कार्ड का बिल किसी दूसरे क्रेडिट कार्ड या नए क्रेडिट कार्ड में शिफ्ट कर देना। इसका इस्तेमाल ब्याज के बोझ को कम करने के लिए किया जा सकता है।


क्या होता है फायदा?


कई लोग किसी क्रेडिट कार्ड की बड़ी देनदारी को अलग-अलग क्रेडिट कार्ड्स में बांट देते हैं। आंशिक भुगतान से आपकी देनदारी तो कम हो सकती है, लेकिन बाकी की देनदारी पर सालाना 40 प्रतिशत तक का ब्याज देना पड़ सकता है। बैलेंस ट्रांसफर से आप इतना ज्यादा ब्याज देने से बच सकते हैं। क्रेडिट कार्ड देनेवाले कई बैंक ऐसे हैं जिनमें दूसरे बैंक के क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम ट्रांसफर कर दें तो वे कुछ महीनों (प्रायः 6 महीनों) तक ब्याज नहीं लेते। हां, इसके लिए प्रोसेसिंग फी जरूर देना पड़ता है। कुछ मामलों में आपको कुल आउटस्टैंडिंग पर हर महीने 1 से 2 प्रतिशत तक की दर से ब्याज देना पड़ता है।


कैसे उठाएं लाभ?


6 महीने तक ब्याज देने से मिली छूट एक बड़ी राहत होती है क्योंकि इस बीच आप कर्ज चुकाने के लिए पूरी रकम जुटा सकते हैं। हालांकि, जब ब्याज मुक्त अवधि में आउटस्टैंडिंग क्लियर नहीं कर पाने की स्थिति में सामान्य दर से ब्याज लागू हो जाता है। बैलेंस ट्रांसफर के बाद खरीदारी करने पर नया बैंक अक्सर कोई ब्याज नहीं वसूलता है, बशर्ते समय पर पूरी रकम का भुगतान कर दिया जाए। कुछ क्रेडिट कार्ड्स ऐसे भी होते हैं जिनमें 6 महीने से पहले बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा नहीं होती है। आम तौर पर बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा बची हुई क्रेडिट लिमिट के 75% हिस्से पर ही मिलती है।


कैसे मिलती है राहत?


आप जब बैलेंस ट्रांसफर का आवेदन देते हैं तो नया बैंक आपको उस बैंक के नाम एक चेक भेजता है जिसके क्रेडिट कार्ड की देनदारी आप पर है। तब आप अपने मौजूदा क्रेडिट कार्ड वाले बैंक में वह चेक डालकर बकाया चुका देते हैं। अब आपकी देनदारी नए बैंक के प्रति हो जाती है।


इन बातों का रखें ध्यान


1. जब आप मौजूदा क्रेडिट कार्ड का बकाया नहीं चुका सकते और नौबत भारी-भरकम ब्याज देने की हो जाए तो आप बैलेंस ट्रांसफर के विकल्प पर विचार कर सकते हैं।


2. ऐसा करते वक्त नए बैंक के क्रेडिट कार्ड की प्रोसेसिंग फी और उसके ब्याज दर का अच्छे से पता कर लें।


3. आप उसी बैंक को चुनें जो अपने क्रेडिट कार्ड में बैलेंस ट्रांसफर पर आपको बकाया चुकाने का पर्याप्त वक्त दे दे ताकि आप उस दौरान फंड जुटा सकें।


4. ध्यान रहे कि बैंक इस अवधि में कोई ब्याज नहीं ले या ले भी तो बहुत कम।


5. बैलेंस ट्रांसफर की प्रोसेसिंग फी, ब्याज मुक्त अवधि के बाद लगनेवाले ब्याज की दर और ऐनुअल फी की स्पष्ट जानकारी ले लें।


5. आपको नए बैंक के क्रेडिट कार्ड के अन्य फीचर्स, मसलन कैशबैक और रिवॉर्ड पॉइंट्स आदि के बारे में छानबीन करनी चाहिए। इससे बैलेंस ट्रांसफर के बाद क्रेडिट कार्ड आपके लिए कितना मूल्यवान साबित होगा, इसका सही-सही अंदाजा लग जाएगा।

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