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अब ज्यादा जीएसटी वसूलने पर आप Anti profiteering authority के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं:

18 May 2019 | 12.37 PM

नई दिल्ली: अगर कोई बिजनेसमैन या कोई संस्था आपसे ज्यादा जीएसटी वसूले या गलत तरीकों से फायदा कमाए, तो उसकी शिकायत आप नेशनल एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (National Antiprofiteering Authority, NAA) के पास दर्ज करा सकते हैं। व्यापारी वर्ग जीएसटी के नियमों का गलत फायदा न उठा सके, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने जीएसटी कानून के अंतर्गत इस संस्था का गठन किया है।

ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है संस्था की जिम्मेदारी

इस संस्था का सबसे अहम काम है यह देखना कि GST काउंसिल वस्तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों में जो कटौती कर रही है, उसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचे। यानी व्यापारी वर्ग जीएसटी दर में कटौती के बाद उत्पादों और सेवाओं के दाम कम कर रहे हैं या नहीं, संस्था इस पर निगरानी रखती है। अगर कोई व्यापारी जीएसटी दरों में कटौती के बाद भी वस्तुओं के दाम में कटौती नहीं करती है, तो संस्था की जिम्मेदारी बनती है कि व्यापारी पर उचित कार्रवाई की जाए।

ऐसे दर्ज करा सकते हैं शिकायत

एनएए के पास कोई भी व्यक्ति आसान चरणों में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइल दोनों विकल्प मौजूद हैं। अगर आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं, तो तीन कदमों में करा सकते हैं-

1. रजिस्ट्रेशन:

एनएए की आधिकारिक साइट पर जाकर आपको अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए आपको रिजस्ट्रेशन फॉर्म में दिए गए सवालों के जवाब देने होंगे। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद आपने जो ई-मेल आईडी दर्ज कराई है, उसपर एक ई-मेल आएगा। इस मेल में दिए गए वेरिफिकेशन लिंक पर क्लिक करके आप वेबसाइट के लॉग-इन पेज पर पहुंच जाएंगे।

2. लॉग-इन

आप अपनी रजिस्टर्ड मेल-आईडी और पासवर्ड के इस्तेमाल से कभी भी लॉग-इन कर सकते हैं। इसमें आपको 4 ऑप्शन मिलेंगे-
-कम्प्लेंट दर्ज कराएं
-कम्प्लेंट ट्रैक करें
-कम्प्लेंट्स की हिस्ट्री चेक करें
-अपना प्रोफाइल एडिट करें।

3. शिकायत दर्ज कराएं

यहां पर यूजर को एक कम्प्लेंट फॉर्म दिया जाएगा, जिसमें डिटेल भरने के साथ सबूत भी जमा करना होगा। सबूत को .jpg, .pig, .doc या .pdf फॉर्मेट में अपलोड किया जा सकता है। कम्प्लेंट प्रोसेस पूरा होने के बाद यूजर के पास कम्प्लेंट-आईडी आएगी जिससे कम्प्लेंट को ट्रैक किया जाएगा।

शिकायत दर्ज कराने के बाद उसे ट्रैक कर सकेंगे

एक बार शिकायत दर्ज कराने के बाद आप देख सकते हैं कि उसपर कोई कार्रवाई हुई या नहीं। इसके लिए आपको मेल-आईडी और पासवर्ड के साथ लॉग-इन करना होगा और दिए गए चार ऑप्शन में से दूसरे ऑप्शन ‘ट्रैक कम्प्लेंट’ पर क्लिक करना होगा। इसके बाद जो पेज खुलेगा उसमें आपको अपना कम्प्लेंट आईडी (Complaint ID) और कैप्चा लिखना होगा। सब्मिट करते ही आपके पास कम्प्लेंट का स्टेटस आ जाएगा।

सिर्फ दो साल के लिए गठित की गई थी संस्था

नेशनल एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी को सिर्फ दो साल के लिए गठित किया गया था। जीएसटी लॉन्च होने के बाद इसे जुलाई, 2017 में लागू किया गया था। इसके गठन के पीछे उद्देश्य था कि जीएसटी के लागू होने से उत्पादों और सेवाओं के दामों में कोई भी कटौती या बढ़ोतरी ग्राहकों को कोई नुकसान न पहुंचा सके। इस संस्था के दो साल जुलाई में पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन ऐसी संभावना है कि संस्था के कार्यकाल को दो वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संस्था के पास ग्राहकों की शिकायतों का भंडार लगा है, जिन्हें सुलझाने में वक्त लगेगा। पेट्रोलियम जैसे कई अहम सेक्टर अब भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं और टैक्स स्लैब में भी बदलाव की संभावना है। ऐसे में NAA की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। लिहाजा यह संस्था दो और वर्ष कार्य कर सकती है।

बड़ी कंपनियों पर लगाया है जुर्माना

NAA ने गलत तरीके से लाभ उठाने पर कई बड़ी कंपनियों पर जुर्माना लगाया है। इसमें हिंदुस्तान यूनिलिवर (Hindustan Unilever) शामिल है जिसने जीएसटी की दरें बदलने का लाभ ग्राहकों को न देकर 535 करोड़ रुपए का आर्थिक लाभ उठाया। Domino’s की फ्रैंचाइजी Jubilant Foodworks ने 41.42 करोड़ रुपए का लाभ कमाया। Abbott Healthcare ने 96 लाख रुपए और McDonald’s की फ्रैंचाइजी Hardcastle Restaurants ने 7.49 करोड़ का लाभ उठाया। संस्था ने इन सभी कंपनियों के खिलाफ ऑर्डर पास किया है।

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