13 July 2019 | 12.26 PM
नई दिल्ली: यदि आप अपना कारोबार करने के बारे में सोच रहे हैं तो आप सरकार की मदद भी ले सकते हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय तीन तरीकों से किसी भी व्यक्ति को कारोबार करने में मदद करता है। इसमें कई प्रकार की स्कीमें शामिल हैं। कई स्कीमों में सरकार आर्थिक मदद के साथ सब्सिडी भी देती है। इससे कारोबार करने में आसानी होती है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही स्कीमें
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से परंपरागत उद्योगों के पुनर्सृजन के लिए 2006 में निधि स्कीम स्फूर्ति की शुरुआत की गई थी। इस स्कीम के तहत किसी भी कारोबारी को उत्पादन उपकरणों को बदलने, सामान्य सुविधा केंद्रों की स्थापना करने, उत्पादन में विकास करने, गुणवत्ता में सुधार लाने, कारोबार के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण आदि के लिए सहायता प्रदान की जाती है। यदि आप भी अपने कारोबार का विस्तार करने चाहते हैं तो इस स्कीम के तहत मंत्रालय से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा संचालित स्कीमें
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अनुसार, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करने और रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (केवीआईबी) और जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से कई प्रकार की स्कीमें चलाती है। इन स्कीमों में सामान्य और आरक्षित वर्गों के लाभार्थियों को 15 फीसदी से लेकर 35 फीसदी तक की मार्जिन मनी की सब्सिडी दी जाती है। इन स्कीमों के तहत किसी वस्तु का उत्पादन करने के लिए 25 लाख रुपए तक और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपए तक का कारोबार करने वालों को मदद दी जाती है।
कॉयर बोर्ड की ओर से संचालित योजनाएं
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन कॉयर बोर्ड का संचालन किया जाता है। यह बोर्ड नारियल के रेशे से बनने वाले उत्पादों के विकास में कार्य करता है। यदि आप भी नारियल के रेशे से बनने वाले उत्पादों संबंधी कोई कारोबार करना चाहते हैं तो कॉयर बोर्ड की सहायता ले सकते हैं। यह बोर्ड अपने लाभार्थियों को उत्पादन, मशीनरी, विपणन आदि में मदद करता है। कॉयर बोर्ड की ओर से महिलाओं के विकास के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाते हैं।