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TikTok के भाग्य का फैसला आज, मद्रास हाई कोर्ट बैन पर कर सकता है पुनर्विचार

24 April 2019 | 1.13 PM

नई दिल्ली: TikTok के लिए आज का दिन बेहद महत्तवपूर्ण है। अनऑफिशल बैन के खिलाफ टिकटॉक की तरफ से दायर की गई याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट आज पुनर्विचार कर सकता है। टिकटॉक मामले पर हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट को टिकटॉक पर लगी अंतरिम रोक के फैसले पर फिर से विचार करने को कहा था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया था कि अगर 24 अप्रैल को मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले पर फिर से विचार नहीं किया तो टिकटॉक पर लगी अंतरिम रोक हटा दी जाएगी। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच के आदेश के बाद TikTok को फिलहाल Google Play Store और App store से हटा दिया गया है।

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने यह कहते हुए टिकटॉक पर अंतरिम रोक लगाने का फैसला किया था कि इस ऐप के जरिए गलत और अश्लील कॉन्टेंट दिखाया जा रहा है, जो बच्चों के लिए हानिकारक है। कोर्ट का यह आदेश तमिलनाडु के सूचना और प्रसारण मंत्री एम मणिकंदन के बयान के बाद आया था। मणिकंदन ने यह भी कहा था कि प्रदेश सरकार टिकटॉक पर बैन के लिए केंद्र सरकार से बात करेगी। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस किरूबाकरण और जस्टिस एस एस सुंदर की बेंच ने इस ऐप पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था।

हाई कोर्ट के ऑर्डर को चैलंज करते हुए टिकटॉक की ओनर ByteDance ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस ऐप से यूजर्स स्पेशल इफेक्ट के जरिए शॉर्ट विडियो बनाते और शेयर करते हैं। कंपनी ने आगे कहा कि अगर इस ऐप पर बैन लगता है, तो इसे भारत की जनता के बोलने की आजादी पर रोक लगाना माना जाएगा।

टिकटॉक एक सोशल विडियो ऐप है जिसे पेइचिंग की ByteDance Co. ने लॉन्च किया था। फरवरी 2019 तक इस ऐप के डाउनलोड की संख्या 100 करोड़ के आंकड़े पार गई। इतना ही नहीं इसे साल 2018 में नॉन-गेम कैटिगरी में चौथा सबसे ज्यादा बार डाउनलोड होने वाला ऐप बन गया था। बता दें कि टिकटॉक एक चाइनीज ऐप है और भारत में इसके 10.4 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं। बैन की जहां तक बात है तो इसे इंडोनेशिया और बांग्लादेश में पहले ही बैन किया जा चुका है।

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