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सुप्रीम कोर्ट: यूनिटेक की कुछ प्रॉपर्टीज की नीलामी कराएगा

13 March 2018 | 11.44 AM

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूनिटेक की उन सभी एसेट्स की डीटेल्स मांगी, जिन्हें गिरवी नहीं रखा गया है। कोर्ट ने कहा कि ये डीटेल्स दो दिनों में मुहैया कराई जाएं। कोर्ट ने कहा कि होम बायर्स का पैसा वापस करने के लिए इन एसेट्स की नीलामी कराई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान उन सभी एसेट्स की डीटेल्स मांगी थीं, जिन्हें गिरवी नहीं रखा गया है।


कंपनी हालांकि ये डीटेल्स नहीं दे सकी। इस पर कोर्ट ने उसे आदेश का पालन करने के लिए दो दिनों का वक्त दिया और कहा कि एक हलफनामे के साथ पूरी जानकारी दी जाए। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने जेएम फाइनैंशल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसने पिछली सुनवाई में यूनिटेक के अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट्स में दिलचस्पी दिखाई थी।


बेंच ने कहा कि जेएम फाइनैंशल ने कहा था कि वह पैसा देगी, जिसका उपयोग होम बायर्स को रिफंड देने में किया जा सकता है। हालांकि कंपनी ने अपने वकील के जरिए सूचना दी कि वह अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट को फाइनैंस करने को तैयार है। बेंच ने कहा, 'हम इसे मुख्य केस से अनावश्यक डायवर्जन मान रहे हैं। जेएम फाइनैंशल पर लगाए गए जुर्माने का उपयोग होम बायर्स को रिफंड देने में किया जाएगा।' यूनिटेक ने 5 मार्च को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मुंबई बेस्ड फर्म जेएम फाइनैंशल लिमिटेड उसके अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट्स की फाइनैंसिंग करने में दिलचस्पी दिखा रही है।


सुप्रीम कोर्ट ने उससे पहले पिछले साल 30 अक्टूबर को कहा था कि यूनिटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा को जमानत तभी दी जाएगी, जब यह रियल एस्टेट ग्रुप दिसंबर के अंत तक कोर्ट की रजिस्ट्री में पैसा जमा करा देगा। चंद्रा अभी जेल में हैं।


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जेल अथॉरिटीज को निर्देश दिया था कि वे चंद्रा की मीटिंग कंपनी के अधिकारियों और वकीलों से कराएं ताकि वह होम बायर्स का पैसा लौटाने का इंतजाम कर सकें और अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने का कदम उठा सकें। साल 2015 में यूनिटेक के प्रॉजेक्ट्स 'वाइल्ड फ्लावर कंट्री' और 'एंथिया प्रॉजेक्ट' के 158 होम बायर्स ने एक क्रिमिनल केस फाइल किया था।

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