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गोल्ड को सुरक्षित रखते हुए आप भी कमा सकते है पैसा

17 August 2019 | 2.53 PM

घर में रखे सोने की सुरक्षा सभी के लिए चिंता का कारउी रहता है। लेकिन क्या आपको पता है कि आप इस सोने से पैसा भी कमा सकते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने रिवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम शुरू की थी। यह सोने की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम है। ग्राहक इस स्कीम के तहत अपने सोने या सोने के गहने को बैंक में एफडी कर सकता है। इससे सोना भी सुरक्षित रहता है और उस पर ब्याज भी मिलता है। इसके अलावा एफडी किए गए सोने पर आपको संपत्ति कर भी नहीं देना होता। वहीं, जरूरत पड़ने पर इस एफडी के आधार पर लोन भी लिया जा सकता है।

इस स्कीम से जुड़ी खास बातें...

2.5 फीसदी तक मिलती है ब्याज
STBD कैटेगरी के तहत एक साल के लिए एफडी करने पर 0.50 फीसदी ब्याज दिया जाता है। जबकि, दो साल और तीन साल वाली एफडी के लिए क्रमश: 0.55 फीसदी और 0.60 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है। इसके अलावा MTGD कैटेगरी के तहत 2.25 फीसदी की दर से सालाना ब्याज दिया जाता है। जबकि, LTGD कैटेगरी के तहत गोल्ड की एफडी करने पर 2.5 फीसदी सालाना की दर से ब्याज दिया जाएगा।

जमा करने की सीमा
रिवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के तहत ग्राहक को कम से कम 30 ग्राम गोल्ड जमा करना होता है। हालांकि, सोना जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं तय की गई है। मतलब आप कितना भी गोल्ड जमा करके उस पर ब्याज पा सकते हैं।

1. मैच्योरिटी पीरियड
इस स्कीम के तहत एसबीआई ने तीन प्रकार की कैटेगरी बनाई है। पहली कैटेगरी में 1-3 साल के लिए सोना जमा किया जाता है। इसे शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) कहा जाता हैं। दूसरी कैटेगरी को मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MTGD) कहा जाता है, जिसका मैच्योरिटी पीरियड 5-7 है। वहीं लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD) कैटेगरी के तहत 12-15 साल के लिए गोल्ड फिक्स्ड किया जा सकता है।

2. कैश में भी वापस ले सकते हैं सोना
एफडी की मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने के बाद ग्राहक के पास ब्याज सहित अपने सोने को लेने के दो ऑप्शन मिलते हैं। या तो वह उसे सोने के रूप में वापस ले सकता है या फिर सोने की तत्कालिक कीमत के बराबर कैश ले सकता है। हालांकि, सोने के रूप में वापस लेने पर 0.20 फीसदी की दर से एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज उससे वसूला जाएगा।

3. मैच्योरिटी पीरियड से पहले निकासी करने पर
STBD कैटेगरी के तहत एक साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इस समयावधि के बाद तय समय से पहले पैसा निकालने पर ब्याज दर में पेनाल्टी लगाई जाएगी। वहीं, MTGD कैटेगरी के तहत निवेशक 3 साल के बाद कभी भी स्कीम से बाहर हो सकते हैं। हालांकि, मैच्योरिटी पीरियड से पहले स्कीम ब्रेक करने पर ब्याज दर में पेनाल्टी लगाई जाएगी। इसके अलावा LTGD कैटेगरी के तहत 5 साल के बाद गोल्ड निकला जा सकता हैं। इसमें भी ब्याज दर पर पेनाल्टी लगाई जाएगी।

4. कौन कर सकता है एफडी?
भारतीय इंडिविजुअल्स, प्रोपराइटरशिप और पार्टनरशिप फर्म, हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), सेबी के साथ रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड / एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जैसे ट्रस्ट और कंपनियां इस स्कीम के तहत निवेश कर सकती हैं।

5. कहां करें जमा?
इस स्कीम के तहत फिलहाल स्टेट बैंक की कुछ चुनिंदा शाखाओं में ही सोने की फिक्स्ड डिपॉजिट की जा सकती है। इन शाखाओं में पीबी ब्रांच नई दिल्ली, एसएमई ब्रांच चांदनी चौक दिल्ली, कोयम्बटूर ब्रांच, हैदराबाद मेन ब्रांच, त्यागराया नगर ब्रांच चेन्नई, बुलियन ब्रांच मुम्बई और बैंगलूरू मेन ब्रांच शामिल हैं।

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