5 November 2018 | 3.11 PM
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) डिजिटल पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री (PRC) बना रही है, जहां सभी कर्जदारों की पूरी लिस्ट मौजूद रहेगी। बैंक कर्ज देने से पहले व्यक्ति की पूरी क्रेडिट डिटेल को ऑनलाइन चेक कर सकेंगे। रजिस्ट्री में कर्ज अदा न करने वालों के भी नाम दर्ज किए जाएंगे। साथ ही लंबित लीगल मामलों के बारे में भी जानकारी होगी। इसके अवाला वित्तीय अपराधियों का भी नाम दर्ज रहेगा। ऐसे में कर्जदार बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं से अपनी जानकारी नहीं छिपा सकेंगे। इससे एनपीए और बैड लोन की समस्या को कम किया जा सकेगा।
कंपनियों से मांगी निविदाएं
पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री को तैयार करने में आरबीआई मार्केट रेग्यूलेटर सेबी, कॉरपोरेट अफेयर मिनिस्ट्री, गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क(GSTN), इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड (IBBI), बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं से कर्जदारों की जानकारी हासिल करेगी। इस तरह हर एक वित्तीय संस्था से कर्जदार जानकारी लेकर एक ऑनलाइन प्रोफाइल तैयार की जाएगी। आरबीआई ने इस मामले में पिछले तीन साल में 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाली कंपनियों से रजिस्ट्री को बनाने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) मांगी हैं।
प्राइवेट कंपनियों के पास है क्रेडिट इनफार्मेशन
आरबीआई ने इस साल जून में PRC के गठन का ऐलान किया था। आरबीआई ने इसी मामले के देखरेख के लिए एक हाई लेवल टॉस्क फोर्स बनाई है। बता दें कि भारत में अभी चार प्राइवेट क्रे़डिट इनफार्मेशन कंपनी हैं। ऐसे में आरबीआई ने इस सभी कंपनियों से क्रेडिट इनफार्मेशन देने को आदेश दिया है।
एनपीए है एक समस्या
आरबीआई के दिशा निर्देश पर बनाई जा रही है पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री से फाइनेंसियल सिस्टम में बैड लोन के दायरे को कम करने में मदद मिलेगी। अभी बैंकिंग सिस्टम में नॉन परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) करीब 10 लाख करोड़ रुपए है।