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पेंशनर्स के लिए अलर्ट : 30 नवंबर से पहले कर ले काम , नहीं तो रुक जाएगा भुगतान

20 November 2019 | 1.08 PM

नई दिल्ली: पेंशनर के लिए हर साल नवंबर का महीना महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में अगर पेंशनर अपने जीवित होने का प्रमाण-पत्र नहीं जमा कराते हैं तो उनकी पेंशन रोकी जा सकती है। यह प्रक्रिया हर साल पूरी करनी होती है। आमतौर पर लोगों को लगता है कि एक बार पेंशन शुरू हो गई तो हर साल मिलती रहेगी, लेकिन यह सच नहीं है। अगर नए पेशनर हैं तो तुरंत अपने जीवित होने का प्रमाण-पत्र अपने बैंक में जमा कराएं, जहां से आपको पेंशन मिलती है। एसबीआई ने अपनी शाखाओं से पेंशन लेने वालों को के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। इसमें पेंशनर से कहा गया है कि वह 30 नवंबर तक अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र अपनी संबंधित बैंक की शाखा में जमा करा दें। ऐसा न करने पर पेंशन रोकी जा सकती है। इसलिए हर पेंशनर को चाहिए कि वह 30 नवंबर के पहले अपने पेंशन आने वाले बैंक में इस अपडेट करा दे। ऐसा काम दो प्रकार किया जा सकता है। एक है जिममें इसे अपने बैंक में जाकर किया जा सकता है, वहीं दूसरा तरीका है कि यह घर बैठे ऑनलाइन किया जा सकता है। लेकिन अगर पेंशनर की दोबारा नौकरी लग गई है या फैमिली पेंशनर ने दोबारा शादी कर ली है, तो लाइफ सर्टिफिकेट केवल फिजिकल फॉर्मेट में ही जमा कराया जा सकता है।

क्या होता है जीवन प्रमाण पत्र

जीवन प्रमाण पत्र एक आधार बेस्ड डिजिटल लाइफ प्रमाण पत्र है। इसे हर पेंशनर को हर साल 30 नवंबर तक अपनी पेंशन जारी करने वाली बैंक की शाखा में जमा कराना पड़ता है। इस जीवन प्रमाण पत्र की सहायता से पेंशनर्स बैंक शाखा, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) या किसी सरकारी ऑफिस में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट को आधार नंबर के से बायोमैट्रिकली ऑथेंटिकेट करा सकते हैं। इसके अलावा पेंशनर को अपनी पेंशन बैंक अकाउंट से जुड़े अन्य विवरण भी देना होते हैं। इसे कई तरीके से किया जा सकता है।

ऑनलाइन भी जमा हो सकता है जीवन प्रमाण-पत्र

अभी तक पेंशनर को जिस बैंक की शाखा से पेंशन लेता है, उसे उसी बैंक की शाखा में अपने जीवित होने के सबूत देना पड़ता था और इसके लिए उसे संबंधित बैंक की शाखा में पेश होना पड़ता था। इससे में कई बार पेंशनर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिन पेंशनर की सेहत खराब रहती है ऐसे पेंशनर्स या दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके पेंशनर्स को इसमें परेशानी का सामना करना पड़ता था। पेंशनर्स की इन दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने 2014 में जीवन प्रमाण सुविधा लॉन्च की थी। इसके बाद अब पेंशनर्स को बैंक की उसी ब्रांच में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की अनिवार्यता खत्म हो गई है। इसे पेंशनर्स अब ऑनलाइन भी जमा करा सकते हैं।

इन दस्तावेज की पड़ती है जरूरत

पेंशनर जब भी अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कराना चाहें तो उनको कुछ दस्तावेज साथ लेकर जाना चाहिए। ओरिजिनल पीपीओ, आधार कार्ड, बैंक पासबुक को ओरीजनल साथ ले जाना जरूरी होता है। इसके अलावा इनकी फोटोकॉपी भी साथ लेकर जाएं।

आधार में मोबाइल नंबर लिंक होना जरूरी

यहां पर एक बात याद रखने की जरूरत है कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट को आधार नंबर से तभी ऑथेंटिकेट किया जा सकेगा, जब पेंशनर का बैंक अकाउंट आधार नंबर से लिंक होगा। डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट को ऑनलाइन ऑथेंटिकट कराने वक्त् पेंशनर को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस आता है। इसमें ट्रांजेक्शन आईडी होती है। इसी आईडी के इस्तेमाल से पेंशनर jeevanpramaan.gov.in से कंप्यूटर जनरेटेड लाइफ सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद पेंशनर इसे अपने पेंशन अकाउंट वाली बैंक की ब्रांच में जाकर जमा कर सकते हैं। वहीं अगर डिजिटली लाइफ सर्टिफिकेट जमा करते हैं तो आधार नंबर, मोबाइल नंबर, पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) नंबर व अकाउंट नंबर की जरूरत होगी।

उमंग ऐप की पेंशनर ले सकते हैं मदद

सबसे पहले आप अपने मोबाइल फोन पर उमंग ऐप डाउनलोउ करें। इसके बाद उमंग ऐप पर जीवन प्रमाण को खोजें। यहां पर जनरेट लाइफ सर्टिफिकेट का विकल्प मिलेगा चुनना होगा। इसके बाद पेंशनर ऑथेंटिकेशन का पेज खुलेगा। यहां पर जरूरी सूचना देकर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जनरेट किया जा सकता है।

ये है ऐप चलाने का तरीका

जीवन प्रमाण-पत्र के लिए सीएससी, बैंकों और सरकारी कार्यालयों की तरफ से चलाए जा रहे जीवन प्रमाण सेंटर के जरिए रजिस्ट्रेशन हो सकता है। इसके अलावा कंप्यूटर, मोबाइल या टैबलेट से भी इसे डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।

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