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जानें, ITR-1 में टैक्स-फ्री इनकम की जानकारी देने का तरीका?

15 June 2019 | 2.09 PM

नई दिल्ली: ऐसी इनकम जिस पर टैक्स नहीं लगता है उसकी जानकारी इस साल से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के दौरान देने का तरीका बदल गया है। पिछले साल तक आपको इस तरह की इनकम की जानकारी ITR-1में 'Taxes Paid & Verification' टैब के तहत देनी होती थी। हालांकि, इस साल आईटीआर-1 में टैक्स-छूट वाली इनकम की जानकारी 'Computation of income and tax' टैब में देनी होगी।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन मौजूद ITR-1 फॉर्म में यह तीसरा टैब है। सेक्शन 80C और 80U के तहत इनकम और टैक्स-सेविंग डिडक्शन की जानकारी देने के बाद उस इनकम की जानकारी देनी होती है जिससे टैक्स में छूट मिलती है। यहां मौजूद ड्रॉप-डाउन मेन्यू में 16 सब-हेड हैं। टैक्स से बचाने वाली इनकम के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले ऑप्शन के बारे में जानें...

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी मैच्योरिटी से मिला पैसा

वित्त वर्ष 2018-2019 में अगर आपको अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का मैच्योरिटी मिल गई है, और यह टैक्सेबल नहीं है, फिर भी आपको आईटीआर में इसकी जानकारी देनी होगी। आपको सेक्शन 10 (10D) के तहत इसकी जानकारी भरनी होगी- लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में मिला कोई भी पैसा और अगर ऐसी किसी पॉलिसी में कोई बोनस है जो उसकी जानकारी भी देनी होगी। सिवाय उस पैसे के जो 'Exempt income' टैब के तहत सेक्शन 10 (10D) के तहत सब क्लॉज (a) से (d) में मेंशन किया गया है।

ध्यान रखें कि इंश्योरेंस पॉलिसी से मिला मैच्योरिटी पैसे से तभी टैक्स में छूट मिलती है जबकि यह जरूरी शर्तों के मुताबिक हो। नियमों के मुताबिक, मैच्योरिटी अमाउंट तभी टैक्स-फ्री होगा जब...

a) 1 अप्रैल, 2003 या उसके बाद लेकिन 31 मार्च, 2012 या इससे पहले जारी हुई पॉलिसी का प्रीमियम किसी साल उसके सम अश्योर्ड (असल सुनिश्चित राशि) से 20 प्रतिशत ज्यादा न बढ़े।
b) 1 अप्रैल 2012 के बाद जारी हुई पॉलिसी का प्रीमियम किसी साल उसके सम अश्योर्ड (असल सुनिश्चित राशि) से 10 प्रतिशत ज्यादा न बढ़े।
चार्टेड अकाउंटैंट नवीन वाधवा कहते हैं, 'अगर आपको इंश्योरेंस पॉलिसी को सरेंडर करके पैसा मिल गया है तो कुछ निश्चित परिस्थितियों में यह पैसा टैक्सेबल हो सकता है।'

स्टैचुटरी प्रविडेंट फंड से पैसा निकालना

स्टैचुटरी प्रविडेंट फंड (SPF) उन लोगों के लिए होता है जो सरकारी या अर्ध-सरकारी संस्थान, स्थानीय अथॉरिटीज, यूनिवर्सिटीज, मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान या रेलवे में कार्यरत हैं। एसपीएफ से किसी कर्मचारी द्वारा निकाले गए पैसा जो टैक्स-फ्री होता है उसकी जानकारी देनी जरूरी होती है।

इस टैक्स फ्री इनकम की जानकारी देने के लिए ड्रॉप-डाउन मेन्यू से 'Section 10(11) Statutory Provident Fund received' सिलेक्ट करें।

रिकग्नाइज्ड एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड से पैसे निकालना

प्राइवेट सेक्टर एंप्लॉयीज आमतौर पर एंप्लॉजी प्रविडेंट फंड ऐक्ट के तहत रिकग्नाइज्ड प्रविडेंट फंड (RPF) के तहत कवर होते हैं। अगर आपने अपने ईपीएफ अकाउंट से कोई पैसा निकाला है तो आपको ड्रॉप-डाउन मेन्यू से 'Section 10(12) Recognised Provident Fund' टैब को सिलेक्ट करना होगा।

सेक्शन 10 (13) अप्रूव्ड सुपरएनुएशन फंड

किसी कंपनी द्वारा अपने कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय सेवानिवृत्ति फंड (पेंशन) देती है। सुपरएनुएशन (पेंशन) फंड बनाने के लिए कंपनी हर साल ग्रुप सुपरएनुएशन पॉलिसी में योगदान करता है।
सुपरएनुएशन फंड से मिले किसी भी तरह का पैसा तभी टैक्स फ्री होगा जबकि वह कर्मचारी की मृत्यु या फिर उसके रिटायरमेंट के पूरे होने पर मिलता है।
सुपरएनुएशन फंड से मिले पैसे पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है और इसकी जानकारी ड्रॉप-डाउन मेन्यू में 'Section 10(13) - Approved Superannuation Fund Received'में देनी होगी।

टैक्स-फ्री लाभांश इनकम

आपके हाथों में आने वाला किसी तरह का लाभांस टैक्सेबल नहीं होता है। हालांकि, आपको अपनी टैक्स फ्री इनकम के तौर पर इसकी जानकारी देनी होगी। वित्त वर्ष 2018-19 में आपको मिले लाभांश की जानकारी देने के लिए आपको ड्रॉप डाउन मेन्यू के 'Section 10(34) (Exempted Dividend Income)' में जाना होगा।

कृषि से होने वाली आय 5,000 रुपये से ज्यादा न हो

अगर आपने वित्त वर्ष 2018-19 में खेती से 5,000 रुपये कमाए हैं तो आपको टैक्स फ्री इनकम के तौर पर इसकी भी जानकारी आईटीआर में देनी होगी।
ड्रॉप डाउन मेन्यू में 'Section 10(34) (Exempted Dividend Income)' सिलेक्ट करें और अपनी इनकम के अमाउंट को भरें। वाधवा का कहना है, 'अगर खेती से होने वाली आय 5,000 रुपये से ज्यादा है तो आप आईटीआर-1 में रिटर्न फाइल नहीं कर सकते। ऐसी स्थिति में रिटर्न को आईटीआर 3 के आईटीआर 2 में फाइल करना होगा।'

किसी और तरह की इनकम

ऊपर बताए गए इनकम के तरीकों के अलावा, अगर आपको टैक्स फ्री इनकम के तौर पर पब्लिक प्रविडेंट फंड (PPF) से ब्याज या पीपीएफ की मैच्योरिटी मिलती है तो आपको 'Any Other' ऑप्शन पर जाकर इस तरह की इनकम की जानकारी देनी होगी और उस इनकम के बारे में विस्तार से बताना होगा।


कुछ लोगों की आय के स्त्रोत कुछ और तरीके भी होते हैं। अगर आपको नीचे दिए गए किसी तरीके से आय हुई है तो ऑप्शन को सिलेक्ट कर, अमाउंट एंटर करें।

सेक्शन 10 (10BC): किसी आपदा के समय राहत के दौर पर केंद्रीय/राज्य सरकार/स्थानीय अथॉरिटी से मिला धन
सेक्शन 10 (16): शिक्षा के लिए दी गई स्कॉलरशिप
सेक्शन 10 (17): एमपी/एमएलए/एमएलसी अलाउंस
सेक्शन 10 (17A): सरकार द्वारा दिया गया अवॉर्ड
सेक्शन 10(18): परमवीर चक्र या महावीर चक्र या किसी और शौर्य पुरस्कार के विजेता को मिली पेंशन

डिफेंस मेडिकल डिसेबलिटी पेंशन

सेक्शन 10(26): किसी खास जगह पर रह रहे अनुसूचित जनजाति को मिले पैसे
सिक्किम में रह रहे सिक्किम निवासी की किसी भी स्त्रोत से आय

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