9 December 2019 | 2.52 PM
नई दिल्ली: अगर आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है तो बिलेटेड आईटीआर फाइल करने के लिए आपके पास मार्च 2020 तक का ही वक्त है। हालांकि, अगर आप इसे इस महीने के अंत तक फाइल कर देते हैं तो आप 5,000 रुपये की पेनल्टी देकर निकल सकते हैं, लेकिन अगर 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल नहीं किया तो इसके बाद पेनल्टी बढ़कर 10 हजार रुपये हो जाएगी।
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर विभाग ने इंडिविजुअल के लिए आईटीआर फाइल करने की समय-सीमा 31 जुलाई तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया। इस सीमा के बाद जो भी व्यक्ति रिटर्न फाइल करेंगे, उसे बिलेटेड आईटीआर फाइलर्स माना जाएगा और नियमों के अनुसार, पेनल्टी देनी पड़ेगी।
कब, कितना देना होगा जुर्माना
ITR फाइलिंग की तारीख |
जुर्माने की रकम |
31 अगस्त, 2019 के बाद, लेकिन 31 दिसंबर, 2019 से पहले |
पांच हजार रुपये |
1 जनवरी से 31 मार्च, 2020 तक |
10 हजार रुपये |
आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 234F के तहत 31 दिसंबर, 2019 तक रिटर्न फाइल करने वाले असेसी को 5,000 रुपये तथा इसके बाद रिटर्न फाइल करने वालों को 10,000 रुपये की पेनल्टी देनी पड़ेगी। अगर असेसी की कुल आय पांच लाख रुपये है तो बिलेटेड आईटीआर के लिए पेनल्टी 1,000 रुपये है। ध्यान रहे कि अगर किसी इंडिविजुअल की ग्रॉस टोटल इनकम, टैक्स छूट की सीमा को पार नहीं करती है तो उसे 31 अगस्त, 2019 के बाद और 31 मार्च, 2020 तक आईटीआर फाइल करने पर भी लेट फाइन नहीं देना होगा। मौजूदा आयकर कानून के तहत टैक्स छूट की सीमा में आने वाली सालाना आय इस प्रकार है...
इग्जेंप्शन लिमिट
रेजिडेंट इंडिविजुअल की उम्र |
बेसिक इग्जेंप्शन लिमिट (रुपये में) |
60 वर्ष से नीचे - ढाई लाख रुपये |
ढाई लाख रुपये |
60 वर्ष से 80 वर्ष तक (वरिष्ठ नागरिक) |
तीन लाख रुपये |
80 वर्ष से ऊपर (अति वरिष्ठ नागरिक) |
पांच लाख रुपये |
हालांकि, इस मामले में लेट फाइलिंग में एक झोल है। अगर भारत में रह रहे इंडिविजुअल को विदेशी की संपत्तियों से आमदनी हो रही हो और वह देर से आईटीआर फाइल कर रहा हो तो उसे लेट फाइलिंग फीस देनी होगी, भले ही उसकी आमदनी टैक्स छूट के दायरे में ही हो।
जो लोग समय-सीमा खत्म होने के बाद आईटीआर फाइल करते हैं, उन्हें सेक्शन 80 के तहत 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी' के अलावा किसी और लॉस को आगे ले जाने की अनुमति नहीं है। अगर आपके पास टैक्स बकाया है तो आपको बकाया रकम पर हर महीने 1% की दर से ब्याज दर देने को कहा जाएगा।