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PM आवास योजना: घर खरीदने के बाद 5 साल तक नहीं बेच सकेंगे!

20 August 2018 | 3.24 PM

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदने वालों के लिए पांच साल का लॉक इन पीरियड होने जा रहा है। इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदने वाले पांच साल तक उसको बेच नहीं पाएंगे। इस पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति बन गई है और इसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी। बताया जा रहा है कि स्कीम का फायदा असली लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। फिलहाल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 54 लाख घरों की मंजूरी मिली है और करीब 8 लाख घर बनकर तैयार हैं।

सूत्रों के अनुसार सरकार को लग रहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का गलत इस्तेमाल हो सकता है। लोग प्रधानमंत्री योजना के तहत मकान लेकर उसे प्रॉपर्टी डीलर्स को बेच सकते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा लोन में दी जा रही सब्सिडी बेकार में चली जाएगी। वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारी का कहना है कि सरकार का उद्देश्य है कि जिनके पास अपना मकान नहीं है, उनको मकान मिले। यही कारण है कि वह लोन पर इतनी ज्यादा सब्सिडी दे रही है। अगर इसका दुरुपयोग हुआ तो फिर इस योजना का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। इस दुरुपयोग को रोकने के लिए कोई ठोस नीतिगत कदम उठाने की जरूरत है।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा हेतु पिछले दिनों मीटिंग हुई। मीटिंग में पीएमओ, वित्त मंत्रालय और अन्य संबंधित मंत्रालयों के उच्चाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना में लॉक इन पीरियड को तय करने की सिफारिश की गई। इस सिफारिश को पीएमओ ने सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है। अब कैबिनेट के जरिए इसे लागू किया जाएगा।

गौरतलब है कि सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों में हाल ही में बदलाव किया था। इस बदलाव के तहत अगर किसी व्यक्ति की सालाना आमदनी 18 लाख रुपये तक है तो अब वह सस्ते घरों की योजना में 21,500 स्क्वेयर फीट तक का घर खरीद सकता है। ऐसे घरों में उसको होम लोन पर ब्याज सब्सिडी के तौर पर 2 लाख 30 हजार की बचत हो सकती है। नए नियमों में सरकार ने मध्य आय वर्ग यानी एमआईजी घरों की कैटिगरी 1 और कैटिगरी 2 के साइज में अच्छी-खासी बढ़ोतरी कर दी है। अब एमआईजी-1 में 160 वर्गमीटर यानी करीब 1722 वर्गफीट और एमआईजी-2 में 200 वर्गमीटर यानी तकरीबन 2153 वर्गफीट के घर प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल कर लिए गए हैं।

एमआईजी-1 में 6-12 लाख रुपये कमाई वालों को लोन पात्रता होती है। वहीं, एमआईजी-2 में 12-18 लाख रुपये कमाई वालों को लोन पात्रता होती है। एमआईजी-1 में ग्राहक को 4 फीसदी की लोन सब्सिडी मिलती है। एमआईजी-2 में ग्राहक को 3 फीसदी की लोन सब्सिडी मिलती है। यदि आपकी सालाना आय 12 से 18 लाख रुपए के बीच है तो आपको 12 लाख रुपए तक के लोन पर ब्याज दरों में 3 फीसदी की छूट मिलेगी। इसी तरह से 12 लाख प्रतिवर्ष की आय वाले लोगों को 9 लाख रुपए तक लोन मिलेगा जिसमें ब्याज दर पर 4 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी।

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