• fulldetail

रिजर्व बैंक: ब्याज दर में 0.25% की बढ़ोतरी कर सकता है

1 October 2018 | 11.56 AM

मुंबई: मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) इस हफ्ते लगातार तीसरी मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकती है। रिजर्व बैंक के सामने नर्वस कैपिटल मार्केट की लिक्विडिटी (कैश) की जरूरतों को पूरा करने और रुपये में भारी गिरावट के बीच महंगाई दर के साथ संतुलन साधने की चुनौती होगी। मौद्रिक नीति का ऐलान अगले गुरुवार को होगा। माना जा रहा है कि इसमें ब्याज दरों में 0.25 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो सकती है 25 मार्केट पार्टिसिपेंट्स के सर्वे में यह बात सामने आई है।


इधर देश में महंगाई दर कम हुई है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि तेल के दाम में बढ़ोतरी और रुपये में आई भारी गिरावट के चलते आगे महंगाई बढ़ सकती है। आईसीआईसीआई बैंक के ग्रुप एग्जिक्यूटिव और मार्केट्स हेड बी प्रसन्ना ने कहा, ‘हाल में रिटेल इन्फ्लेशन कम रह है, लेकिन अमेरिका सहित दूसरे देशों में बढ़ती ब्याज दर और डॉलर में मजबूती को देखते हुए हमें भी अपने यहां दरों में बदलाव करना होगा। अगर रिजर्व बैंक अभी दरें नहीं बढ़ाता तो इससे यह मैसेज जाएगा कि मौद्रिक सख्ती के मामले में हम दुनिया से पीछे हैं।’


इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे इमर्जिंग मार्केट्स ने अपनी करेंसी को मजबूत बनाए रखने के लिए ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी की है। एएनजेड बैंक के इंडिया इकनॉमिस्ट शशांक मेंदीरत्ता ने कहा कि भारत को इंडोनेशिया की तरह कई बार दरों में बढ़ोतरी करने की जरूरत है, लेकिन जुलाई और अगस्त में महंगाई दर कम रहने के चलते रिजर्व बैंक कुछ समय तक रुक सकता है। अगस्त में खुदरा महंगाई दर 3.69 पर्सेंट के साथ 11 महीने में सबसे कम हो गई थी।


सर्वे में शामिल 24 पार्टिसिपेंट्स ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया। बार्कलेज में इंडिया के चीफ इकनॉमिस्ट सिद्धार्थ सान्याल ने कहा, ‘मॉनेटरी पॉलिसी में सावधानी बरती जाएगी। इसका फोकस एग्रीगेट डिमांड को कंट्रोल करने के साथ रियल इंटरेस्ट रेट को बढ़ाने पर रह सकता है।’ वहीं, प्रसन्ना ने कहा कि कुछ समय पहले ब्याज दरों में आधा पर्सेंट की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा था।


हालांकि, IL&FS और दूसरी एनबीएफसी के हालिया संकट की वजह से इस बार रिजर्व बैंक 0.25 पर्सेंट की ही बढ़ोतरी करेगा। सर्वे में शामिल ज्यादातर पार्टिसिपेंट्स ने कहा कि रिजर्व बैंक लिक्विडिटी पर भी तस्वीर साफ करेगा, जिसमें कुछ दिन पहले तक एक लाख करोड़ की कमी चल रही थी।


ब्रोकरेज फर्म आईआईएफएल सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अभिमन्यु एस ने कहा कि लंबे समय के बाद रिजर्व बैंक दुविधा में होगा। अगर वह शॉर्ट टर्म में लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय किए बगैर रेपो रेट में आधा पर्सेंट की बढ़ोतरी करता है तो सिस्टम में कैश की भारी कमी हो जाएगी।

Comment Here