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सावधान! वायरस को हथियार बना खाली कर रहे दुनियाभर के एटीएम:

12 November 2018 | 12.06 PM

नई दिल्ली: बीते कुछ सालों में साइबर क्राइम की वारदातें तेजी से बढ़ी हैं। पिछले साल वान्नाक्राई रैन्समवेयर ने दुनियाभर के ढाई लाख कंप्यूटरों को निशाना बनाया था। अब दुनियाभर के एटीएम में सेंध मारी जा रही है। अफ्रीका और एशिया के कई बैंकों के एटीएम से एक साथ एक समय पर पैसा चुराया गया। अमेरिकी इंटरनेट सिक्योरिटी कंपनी सिमैनटेक ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक साइबर क्रिमिनल्स का एक हाई-प्रोफाइल और खतरनाक समूह इस काम को अजाम दे रहा है। उत्तर कोरिया के इस समूह का नाम है लैजारस ग्रुप।

ऐसे होती है डकैती

लैजारस ने सबसे पहले बैंक के नेटवर्क में सेंधमारी की और एटीएम के ट्रांजैक्शन हैंडल करने वाले स्विच को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं। इसके बाद हर एटीएम में Trojan.Fastcash मैलवेयर डाला जाता है। यह वायरस लैजारस ग्रुप की तरफ से कैश निकालने के लिए आने वाली रिक्वेस्ट्स के लिए फेक स्वीकृति का संदेश भेजता है, जिसके बाद हैकर्स आसानी से एटीएम से कैश निकाल पाते हैं।

लाखों रुपयों की चोरी

अमेरिकी सरकार के अर्ल्ट के मुताबिक 2017 में 30 देशों के एटीएम से एकसाथ पैसे निकाले गए। 2018 में 23 देशों में एक ही समय पर एटीएम से कैश विदड्रॉ किया गया। अब तक यह लाखों रुपए की डकैती डाल चुका है।

Hidden Cobra का है यह काम बड़े फाइनेंशियल अटैक को दिया अंजाम

Symantec के मुताबिक यह समूह साइबर क्राइम और जासूसी की वारदातों को अंजाम देने वाला एक्टिव समूह है। 2014 में इस समूह ने Sony Pictures पर साइबर अटैक कर कंपनी का कॉन्फिडेंशियल डाटा लीक कर दिया था। इस डाटा में कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की तस्वीरें, कर्मचारियों के बीच भेजे गए ई-मेल, सोनी की रिलीज होने वाली फिल्मों की कॉपियां और अन्य जानकारी शामिल थी। हाल ही में लैजारस ग्रुप ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक से 8.1 करोड़ डॉलर (587 करोड़ रुपए) चुराए।2017 में इसी समूहने वान्नाक्राई रैन्समवेयर से दुनियाभर के कंप्यूटरों को हैक कर के डाटा करप्ट कर दिया था।

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