• fulldetail

GST के तहत आने वाले टैक्सपेयर्स के गायब होने की जांच शुरू होगी:

12 December 2018 | 2.45 PM

नई दिल्ली: टैक्स अधिकारी जल्द ही उन फर्मों के पास पहुंच सकते हैं जिन्होंने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन रिटर्न नहीं भरा है या टैक्स का भुगतान करने में नाकाम रही हैं। इनडायरेक्ट टैक्स अथॉरिटीज GST के तहत आने वाले टैक्सपेयर्स के गायब होने की जांच शुरू करने जा रहा है। इसमें ऐसी फर्मों के परिसरों का विजिट करना भी शामिल है।

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि बहुत से रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स के गायब होने को लेकर चिंता बढ़ रही है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के लिए जाली इनवॉयस का इस्तेमाल किया गया था। टैक्स अथॉरिटीज शुरुआत में रजिस्टर्ड परिसरों की पुष्टि करेंगी और टैक्स से बचने का खुलासा होने पर जांच का दायरा बढ़ाया जा सकता है।

कर्नाटक ने ऐसा अभियान शुरू किया है और अन्य राज्य भी इस तरह के कदम उठा सकते हैं क्योंकि GST कलेक्शन एक महीने में 1 लाख करोड़ रुपये से कम रहा है। नवंबर में GST कलेक्शन घटकर 97,637 करोड़ रुपये रहा था, जबकि अक्टूबर में इसने एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया था।

GSTR3B दाखिल नहीं करने वाली फर्मों की संख्या भी बढ़ रही है, जो टैक्स अथॉरिटीज के लिए चिंता का विषय है। GSTR3B को कम्प्लायंस का बोझ कम करने के लिए GST लागू करने के समय पेश किया गया था। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के महीने के लिए नवंबर में 69.6 लाख GSTR3B फॉर्म दाखिल किए गए थे। GST के लिए एक करोड़ से अधिक कारोबारी रजिस्टर्ड हैं।

GST कानून के तहत अधिकारियों को जांच और कंफर्मेशन के लिए रजिस्टर्ड परिसरों का विजिट करने का अधिकार है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि GST के तहत कम्प्लायंस में सुधार नहीं हुआ है और टैक्स अथॉरिटीज इस तरह के और उपाय कर सकती हैं। PwC के नेशनल लीडर (इनडायरेक्ट टैक्सेज), प्रतीक जैन ने कहा, 'रिटर्न की फाइलिंग के लिहाज से कम्प्लायंस का पर्सेंटेज सरकार के लिए एक बड़ी चिंता है। टैक्स चोरी और जाली इनवॉयस के मामले सामने आए हैं। पिछले कुछ महीनों में कम्प्लायंस में बड़ा सुधार नहीं हुआ है।' जैन ने कहा कि इंडस्ट्री को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके वेंडर्स GST का पालन करें।

Comment Here