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ट्राई: समय से पहले चुन ले अपने पसंदीदा चैनल्स, बाद में नही मिलेगा मौका

29 December 2018 | 1.01 PM

नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने देश के सभी केबल टीवी उपभोक्ताओं को अपनी पसंद के चैनल्स चुनने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया है। नई स्कीम के तहत उपभोक्ता अपनी पसंद के चैनल्स देख सकेंगे और उन्हीं के लिए भुगतान करेंगे। इसके साथ ही टीवी ब्रॉडकास्टर्स को हर चैनल और विभिन्न चैनल्स के समूह का maximum retail price (MRP) बताना होगा। सभी उपभोक्ताओं को अपनी मर्जी के मुताबिक के चैनल्स चुनने का अधिकार होगा और ऑपरेटर्स उनसे उस चैनल्स के मुताबिक शुल्क लेंगे।

नए फ्रेमवर्क में सस्ता होगा टीवी देखना

ट्राई के मुताबिक इस नए फ्रेमवर्क के चलते टीवी देखना काफी सस्ता हो जाएगा। इसमें लोग सिर्फ उन्हीं चैनलों के लिए भुगतान करेंगे जो वो देखना चाहते हैं। ट्राई ने कुछ दिन पहले ही लोगों को भरोसा दिलाया था कि जिस तरह के विज्ञापन टीवी पर आ रहे हैं, वे सच नहीं हैं। 29 दिसंबर से लोगों का टीवी ब्लैकआउट नहीं होगा। पहले की तरह ही सभी चैनल्स आते रहेंगे। केबल टीवी और डीटीएच सेवा की नई स्कीम में शिफ्ट होने के लिए उपभोक्ताओं को पर्याप्त समय दिया जाएगा। ट्राई ने सभी डीटीएच सेवा प्रदाता कंपनियों को आश्वस्त करने के लिए कहा है कि 29 दिसंबर के बाद भी सभी चैनल्स आते रहेंगे।

टीवी चैनल्स दिखा रहे थे ये विज्ञापन

ट्राई की तरफ से कहा गया है कि टेलीविजन पर विभिन्न चैनल्स की तरफ से यह विज्ञापन दिखाया जा रहा है कि इन चैनल्स को देखने के लिए 29 दिसंबर से पहले अपने ऑपरेटर्स से संपर्क करें, नहीं तो आप यह चैनल नहीं देख पाएंगे। ट्राई के मुताबिक ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं के बीच यह भ्रांति फैल गई थी कि अगर वे अपने केबल आपरेटर्स या डीटीएच प्रदाता कंपनी से संपर्क नहीं कर पाते हैं तो उनका टीवी 29 दिसंबर से ब्लैक आउट हो जाएगा।

फिलहाल महंगी हैं सभी स्कीमें

अभी टीवी उपभोक्ताओं को कई ऐसे चैनल्स भी लेने पड़ते हैं जिसकी उनको जरूरत नहीं होती है, लेकिन बुके में शामिल होने की वजह से उन्हें ऐसा करना पड़ता है। नई स्कीम के लागू होने से उपभोक्ता पहले के मुकाबले आधे दाम में अपनी पसंद के चैनल्स देख पाएंगे। हालांकि डीटीएस सेवा देने वाली कंपनियां किसी भी तरीके से ट्राई के इस फैसले को टालना चाहती है। लेकिन अब उनके पास कोर्ट में भी जाने का चारा नहीं है। इस साल अक्टूबर के अंत में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर ही उपभोक्ताओं को नई स्कीम में शिफ्ट किया जा रहा है।

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