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ITR-2 ई-फॉर्म में अब देना होगा सैलरी का पूरा ब्रेक-अप:

4 May 2019 | 12.36 PM

नई दिल्ली: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फाइनैंशल इयर 2018-19 के लिए आईटीआर 2 फाइल करने के लिए ई-फॉर्म जारी कर दिए हैं। आईटीआर 2, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला फॉर्म है। कैपिटल गेन या फिर एक ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी रखने वाले किसी भी व्यक्ति को यह फॉर्म भरना होता है। लेकिन कारोबार और नौकरी के जरिए पैसे कमाने वालों को यह फॉर्म भरना नहीं होता है।

जिस फॉर्मेट में आईटीआर 2 में सैलरी डीटेल्स देनी है, वह फॉर्म 16 में दिए गए सैलरी ब्रेकअप से सिंक है। हालांकि, आईटीआर2 में अब सैलरी ब्रेकअप के लिए पहले से ज्यादा जानकारी देनी है। इसके अलावा सैलरी से जुड़ी यह जानकारी अभी तक फॉर्म-16 में दी गई विस्तृत जानकारी से भी ज्यादा है। इसके अलावा यह भी स्पष्ट नहीं है कि नए फॉर्म 16 में इस तरह का डीटेल्ड ब्रेकअप मिलेगा या नहीं।

अगर नए फॉर्म 16 में सैलरी ब्रेक-अप नहीं मिलता है तो आपको सैलरी स्लिप आदि जैसे सोर्सेज से नंबर और आंकड़ों को इकट्ठा कर काफी कैलकुलेशन करनी होगी। वेतनभोगी लोगों को मिलने वाले अलाउंसेज की जानकारी भी अलग से भरने होगी। इसके लिए आईटीआर 2 में दिए गए ड्रॉपडाउन मेन्यू में बेसिक सैलरी, डियरनेस अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंट (HRA), ग्रेच्युटी जैसे 17 ऑप्शन दिए गए हैं।

डीजीएम और चार्टेड अकाउंटैंट नवीन वाधवा कहते हैं, 'फॉर्म 16 और आईटीआर फॉर्म्स में दिए गए सैलरी शेड्यूल को उन्हें एक-दूसरे के साथ सिंक करने के इरादे से मोडिफाई किया गया है। आईटीआर-2की रिटर्न फाइलिंग यूटिलिटी में अब सैलरी के सबसे आम हिस्से जैसे बेसिक सैलरी, एचआरए, एलटीए, चिल्ड्रेन एजूकेशन अलाउंस आदि की जानकारी देनी होगी। हालांकि, 'जारी किए गए फॉर्म 16 में सेक्शन 17 (1) के तहत टैक्सेबल सैलरी के अग्रीगेट अमाउंट के लिए सिर्फ एक ही फील्ड दिया गया है।'
इसी तह, अगर आपने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) में निवेश किया है तो ऐसे सोर्स से होने वाली आय 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी' के तहत बताने की जरूरत होगी।

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