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होम बायर्स को ऐड-ऑन सर्विसेज पर GST में मिली राहत:

6 May 2019 | 12.22 PM

फ्लैट खरीदने वालों को राहत देते हुए अथॉरिटी ऑफ एडवांस रुलिंग (एएआर) ने एक आदेश में कहा है कि प्रेफरेंशियल लोकशन चार्जेज जैसी सेवाओं पर अंडर-कंस्ट्रक्शन यूनिट्स के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की रियायती दर के तहत टैक्स लिया जाएगा। कुछ बिल्डर्स प्रेफरेंशियल लोकेशन चार्जेज (पीएलसी) और दूसरे एड-ऑन सर्विसेज पर जीएसटी की ऊंची दर लगाते रहे हैं।

- कंपोजिट सप्लाई
रियल इस्टेट के लिए 1 अप्रैल 2019 से पहले जीएसटी दर 18 पर्सेंट था, जिसमें से जमीन के लिए एक तिहाई छूट देने के बाद यह 12 पर्सेंट पड़ता था। हालांकि इसमें कुछ चीजें अस्पष्ट थीं, जैसे कि क्या पीएलसी जैसे चार्जेज को कंपोजिट सप्लाई माना जाए और उनपर 12 पर्सेंट के हिसाब टैक्स लगाया जाए या फिर इन्हें स्टैंडअलोन सप्लाई की तरह मानकर 18 पर्सेंट पर टैक्स लगाया जाए?

- क्या है प्रेफरेंशियल लोकेशन

बंगाल पीयरलेस हाउसिंग डिवेलपमेंट कंपनी ने इस मामले में एएआर से संपर्क कर स्पष्टीकरण मांगा कि क्या पीएलसी जैसी सेवाएं को कंपोजिट सप्लाई के रूप में देखा जाएगा और क्या इन पर जीएसटी 12 पर्सेंट की रियायती दर से लगेगा। यह हाउसिंग डिवेलपमेंट कंपनी वेस्ट बंगला हाउसिंग बोर्ड और पीयरलेस जनरल फाइनेंस एंड इनवेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड का ज्वाइंट वेंचर है।

अथॉरिटी ने कहा कि याचिकाकर्ता एक रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में आवासीय यूनिट के कंस्ट्रक्शन से जुड़ी सेवाएं मुहैया करा रहा है, जिसमें प्रेफरेंशियल लोकेशन, पार्किंग चार्जेज जैसी सेवाएं भी जुड़ी हुई हैं। अथॉरिटी ने कहा कि यह कंपोजिट सप्लाई है, जो कंस्ट्रक्शन से जुड़ी सेवाओं के साथ मुख्य सप्लाई है। ऐसे में पूरे वैल्यू पर कंस्ट्रक्शन सर्विस की रियायती दर 12 पर्सेंट के हिसाब से टैक्स लगेगा। एएआर ने कहा कि बिल्डर की ओर से प्रेफरेंशियल लोकेशन चार्ज, पार्किंग चार्ज जैसी दी जाने वाली सभी ऐड-ऑन सेवाएं कंपोजिट सप्लाई है, जो कंस्ट्रक्शन सेवाओं के साथ मुख्य सप्लाई हैं।

' यह अहम और तार्किक फैसला है। अगर सरकार इसे स्वीकार करती है तो इससे इंडस्ट्री को कस्टमर दोनों को काफी राहत मिलेगी।'

बॉक्स- बायर और बिल्डर के बीच के रिश्ते की तरफ इशारा करते हए अथॉरिटी ने यह भी पाया कि बायर पीएलसी, पार्किंग और कॉमन-यूज फैसेलिटी जैसी कई सेवाओं के लिए एडवांस में भुगतान करने के लिए सहमत है, जिसका इस्तेमाल वह प्रॉपर्टी का पजेशन मिलने के बाद कर पाएगा। कंस्ट्रक्शन सेवाएं जहां अभी भी मुख्य तत्व बनी हुई हैं, वहां प्राप्तकर्ता इन सेवाओं को केवल एक पैकेज के रूप में खरीद सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस आदेश से इस मामले पर स्पष्टता आई है।

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