• fulldetail

अब जीरो बैलंस बैंक अकाउंट वाले भी काट सकेंगे चेक, साथ में मिलेंगी ये सुविधाएं

11 June 2019 | 12.01 PM

नई दिल्ली: बैंक अब अपने जीरो बैलंस वाले खाताधारकों को भी चेकबुक एवं अन्य वह सुविधाएं दे सकेंगे जो एक रेग्युलर सेविंग्स अकाउंट वाले ग्राहकों को देते हैं। रिजर्व बैंक ने इसकी अनुमति दे दी। दरअसल, देश में नकदी लेनदेन कम करने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसी के तहत, आरबीआई ने हाल ही में आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर को निःशुल्क कर दिया है। बहरहाल, आइए 10 पाइंट्स में समझते हैं कि बैंकों को आरबीआई से मिली नई अनुमति से क्या बदलने वाला है...

1. पहले तो यह समझना जरूरी है कि जीरो बैलंस वाले अकाउंट को ही बैंकिंग की भाषा में प्राथमिक बचत बैंक जमा खाता यानी बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट (बीएसबीडी) अकाउंट कहा जाता है। इसे ही नो-फ्रिल्स अकाउंट भी कहते हैं।

2. बीएसबीडी अकाउंट खुलवाने पर ग्राहकों को हर महीने निश्चित न्यूनतम राशि रखने की बाध्यता नहीं होती है।

3. ऐसे अकाउंट पर कुछ न्यूनतम सुविधाएं मुफ्त में दी जाती हैं। मसलन, जीरो अकाउंट वाले खाताधारक महीने में चार बार पैसे निकाल सकते हैं, बैंक की शाखा में पैसे जमा करा सकते हैं। यानी, महीने पैसे निकालने और जमा करने, दोनों सुविधाओं का इस्तेमाल कुल मिलाकर चार बार ही कर सकते हैं।

4. जीरो-बैलंस अकाउंट्स वाले को भी एटीएम कार्ड या डेबिट कार्ड जारी किया जाता है। लेकिन, उन्हें चेकबुक जारी नहीं किया जाता।

5. आरबीआई ने बैंकों के लिए अपने जीरो बैलंस अकाउंट होल्डर्स को सेविंग्स अकाउंट होल्डर्स जितनी सुविधाएं देना अनिवार्य नहीं किया है, बल्कि उन्हें अनुमति दी है। इसका मतलब है कि बैंक अगर चाहें तो नए नियम के तहत जीरो बैलंस वाले खाताधारकों को चेकबुक जैसी सुविधाएं दे सकते हैं। साथ ही, वह महीने में चार बार जमा और निकासी की सीमा खत्म कर सकते हैं और जीरो बैलंस अकाउंट वालों को भी जितनी बार चाहे पैसे जमा कराने या निकालने की अनुमति दे सकते हैं। लेकिन, इसके लिए कोई फीस नहीं लगाई जा सकती है।

6. जो बैंक अपने जीरो बैलेंस वाले खाताधारकों को बचत खाता धारकों जैसी सुविधाएं अब भी नहीं देंगे, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। ध्यान रहे कि आरबीआई ने बैंकों को ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं किया है, बल्कि ऐसा करने की अनुमति दी है। यानी, बैंक की मर्जी वह अपने जीरो बैलंस वाले खाताधारकों को ये सुविधाएं दे या नहीं।

7. आरबीआई ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि ऐसा करने वाले बैंक जीरो बैलंस अकाउंट वाले खाताधारकों से न्यूनतम राशि मेंटेन करने को नहीं कह सकते। साथ ही, वह खाता नई सुविधाओं के साथ भी बीएसबीडी अकाउंट ही रहेगा, न कि वह सेविंग्स अकाउंट बन जाएगा।

8. नियमित बचत खाता (रेग्युलर सेविंग्स अकाउंट) खुलवाने पर आपको हर महीने एक निश्चित न्यूनतम रकम खाते में रखना होता है।

9. अगर यह निश्चित न्यूनतम रकम 1,000 रुपये है तो बैंक इसकी गणना इस प्रकार करता है। 1,000 रुपये × उस महीने के दिनों की संख्या। यानी, जून महीने के लिए न्यूनतम राशि का मतलब है 1,000 × 30 = 30,000 रुपये। अब आप चाहें तो 1,000 रुपये अपने बैंक अकाउंट में छोड़ कर मिनिमम बैलेंस की यह शर्त पूरी कर दें। लेकिन, मान लीजिए कि जून महीने में पांच दिन तक आपका खाता बिल्कुल खाली था। यानी, उसमें कोई रकम नहीं थी और बाकी 25 दिन तक 1,000 रुपये खाते में पड़े रहे तो आपका मिनिमम बैलेंस 25,000 रुपये ही रहा जो 30,000 रुपये होना चाहिए था। मतलब नियम के मुताबिक, मिनिमम बैलेंस से 5,000 रुपये कम। ऐसी सूरत में बैंक इस 5,000 रुपये की कमी पर आपसे जुर्माना वसूल करेगा। हालांकि, अगर आपके खाते में 29 दिनों तक कोई रकम नहीं हो, लेकिन 30वें दिन पूरे 30,000 रुपये जमा करा दिए तो फिर आपको कोई पेनल्टी नहीं देनी होगी क्योंकि पूरे महीने के लिए निश्चित न्यूनतम रकम 30,000 रुपये होने की शर्त पूरी हो जाती है।

10. बैंक नियमित बचत खाताधारकों के लिए मिनिमम बैलेंस की शर्त रखने के अलावा चेकबुक जारी करने जैसी सुविधाएं के बदले उनसे फीस भी लेते हैं।

Comment Here