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अब सरकार के साथ आसान होगा कारोबार करना,केंद्र सरकार ने तैयार किया ई-पोर्टल :

31 July 2019 | 12.16 PM

नई दिल्ली छोटे शहर में रहने वाले कारोबारी भी सरकार के साथ बिजनेस कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने ई-पोर्टल के जरिए GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केट) यानी ऑनलाइन बाजार तैयार किया है। इसके जरिए सभी तरह की खरीदारी ऑनलाइन होगी। खरीद प्रॉसेस में बाबुओं और मिडिलमैन का दखल खत्म किया जाएगा। इस पोर्टल पर 36,665 खरीदार संगठन हैं। 2.5 लाख विक्रेता और सेवा प्रदाता हैं। 10 लाख से ज्यादा प्रोडक्ट हैं। 2,252 स्टार्टअप इस प्लेटफार्म से जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश ऑर्डर देने के मामले में सबसे आगे है। इसने अब तक 2,636 करोड़ के ऑर्डर दिए हैं।जेम ने इस सारी प्रक्रिया को इतना आसान कर दिया है कि कोई भी इंटरप्रन्योर आसानी से इस पोर्टल पर रजिस्टर करके सरकार से डील कर सकता है और अपना प्रोडक्ट बेच सकता है।

27 साल की श्वेता शर्मा सरकार के साथ बिजनेस करने वाली एक इंटरप्रन्योर हैं। श्वेता ने 2016 में अपने तीन कॉलेज के दोस्तों के साथ मिलकर ‘लीफ एरा’ नाम का एक स्टार्टअप शुरु किया। वह सहजन की पत्तियों से बनी चाय आदि चीजें बेचती हैं। वह अमेजन और फ्लिकार्ट पर अपना प्रोडक्ट बेचती हैं। पिछले साल उनके पिता ने उनसे कहा कि वह सरकार के ई-मार्केटप्लेस जेम पर प्रोडक्ट की मार्केटिंग शुरु करें। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ बिजनेस करना अब ज्यादा आसान और सुरक्षित बन गया है, समय से पेमेंट मिलती है। हालांकि श्वेता को पहले इस पर शक था। लेकिन कुछ दिनों बाद उनके विचार बदल गए।

केवल दो दिन में जेम पर रजिस्ट्रेशन और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन

श्वेता के अनुसार, जेम पर रजिस्ट्रेशन, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन केवल दो दिन में हो गया। एक महीने के अंदर ही ‘लीफ एरा’ अपने प्रोडक्ट जैम पर बेचने लगा। ‘वुमनिया’ प्लेटफॉर्म (महिलाओं द्वारा शुरू किए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए शुरु किया प्लेटफॉर्म) के कारण उनकी वेंडर असेसमेंट फीस को भी माफ कर दिया गया। एक मीडिया से बातचीत में श्वेता बताती हैं कि जेम टीम काफी सहयोगी और आगे बढ़ाने वाली है। उनका प्रोडक्ट नया था, इसके लिए जेम अधिकारियों ने उनके प्रोडक्ट की जानकारी के लिए कई सरकारी विभागों के पास ई-मेल भेजा ताकि उन्हें प्रोडक्ट की जानकारी मिल सके। इस कारण श्वेता के प्रोडक्ट में रेलवे (आईआरसीटीसी) ने रुचि दिखाई। अब उनकी बिक्री 1 लाख महीना तक पहुंच गई है।

क्या है जेम (GeM)

जेम सरकार का ई-मार्केटप्लेस है। इसे 9 अगस्त 2016 को शुरू किया गया था। वाणिज्य मंत्रालय ने डायरेक्टर जनरल और सप्लाईज एंड गुड्स (डीजीएस एंड जी) को बंद कर इसे शुरू किया था। पहले यही सरकारी खरीद को मैनेज करती थी। इसकी जगह जेम पूरी तरह से पेपरलेस, कैश लेस ई-मार्केटप्लेस है। इस प्लेटफॉर्म पर कोई भी विक्रेता आसानी से रजिस्ट्रेशन करा सकता है। एक खुला मंच होने के कारण सरकार के साथ बिजनेस करने वालों के सामने यहां कोई बाधा नहीं है। हर कदम पर खरीदार उसके संगठन के प्रमुख, विक्रेताओं को ई-मेल से सूचना भेजी जाती है। जेम पर सीधी खरीदारी मिनटों में की जा सकती है क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। जेम की खासियत है कि इसे केवल 50 लोगों की टीम मिलकर चलाती है। जेम पोर्टल करीब 10 लाख से अधिक उत्पादों की पेशकश करता है। इनमें ऑफिस स्टेशनरी से लेकर वाहन तक शामिल हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को भी इस प्लेटफॉर्म में शामिल करने की कोशिश है। जेम की सीईओ राधा चौहान के अनुसार, जेम प्लेटफॉर्म काफी तेजी से काम करता है। यह समय की बचत करता है। इससे कीमतों में करीब 25 फीसदी की कमी भी आई है। वेंडर रजिस्ट्रेशन का काम जहां 30 दिन में होता था उसमें केवल 10 मिनट लगते हैं। नए-नए शुरू हो रहे स्टार्टअप के लिए यह प्लेटफॉर्म काफी मददगार साबित हो रहा है।

क्या डॉक्यूमेंट्स चाहिए

अगर आप GeM पर रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं आपके पास ये डॉक्यूमेंट होने चाहिए।
- आधार कार्ड
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर
- सिन, पेन, डीआईपीपी, उद्योग आधार, इनकम टैक्स रिटर्न
- फर्म का पता
- बैंक खाता

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