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निवेदन: लोग डिजिटल भुगतान करें और बिल मांगने की आदत डालें

13 August 2019 | 11.17 AM

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि लोग डिजिटल भुगतान करने और खरीदारी के बाद बिल मांगने की आदत डालें। उन्होंने मीडियाकर्मियों से भी इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि आपको शायद पता नहीं होगा कि डिजिटल माध्यम से लेन-देन करने वाले कारोबारी का टर्नओवर यदि करीब एक करोड़ रुपये भी होगा, तो उसे आयकर नहीं देना पड़ेगा। यहीं नहीं, बचत योजना की कटौती और आवासीय कर्ज के प्रोत्साहनों का उपयोग किया जाए, तो करीब डेढ़ करोड़ रुपए के कारोबार वाले कारोबारी को भी कोई आयकर नहीं लगेगा।

वाहन, रियल एस्टेट और खनन क्षेत्र को मिलेगी सुस्ती से निजात

मोदी ने यह भी कहा कि सुस्ती का सामना कर रहे वाहन, रियल एस्टेट और खनन क्षेत्र को आर्थिक विकास में तेजी आने का लाभ मिलेगा और आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कारोबारी सहूलियत पर जोर, सस्ते कर्ज की उपलब्धता और नीतिगत माहौल में स्थिरता इन क्षेत्रों में लंबी अवधि के लिए मांग बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

खनन क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ

मोदी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की आवंटन प्रक्रिया में व्यापक सुधार की जरूरत थी। हमने इसमें पारदर्शिता लाई। इससे बड़ा परिवर्तन हुआ है और इसमें स्थिरता आने में थोड़ा वक्त लगेगा। इसके बाद भी 2018-19 में तेल, गैस और कोयला को छोड़कर शेष खनिज क्षेत्र में वॉल्यूम की दृष्टि से नौ फीसद और मूल्य लिहाज से दहाई अंकों में विकास हुआ।

खरीदारों के लिए फ्लैट सस्ता करने पर जोर

पीएम ने कहा कि रेरा के कारण रियल एस्टेट बाजार में फिर से भरोसे का माहौल बन रहा है। हाउसिंग लोन के ब्याज पर दो लाख रुपये तक टैक्स कटौती का लाभ पहले से दिया जा रहा था। अब 45 लाख रुपए तक के फ्लैट पर इस सीमा को डेढ़ लाख रुपये और बढ़ा दिया गया है। पिछले साल जीएसटी ने निर्माणाधीन फ्लैट पर जीएसटी की दर भी घटा दी। किराए वाली प्रोपर्टी के बाजार में तेजी लाने के लिए हमने मॉडल किराया कानून भी पेश किया। हाउसिंग सेक्टर को डेवलपर्स के लिए लाभकारी और खरीदारों के लिए सस्ता बनाने के लिए सरकार संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों से चर्चा कर रही है।

पेट्रोल-डीजल व इलेक्ट्रिक दोनों तरह के वाहनों के लिए पर्याप्त अवसर

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पेट्रोल-डीजल आधारित और इलेक्ट्रिक वाहन दोनों के लिए पर्याप्त अवसर है। वाहन क्षेत्र की सुस्ती अस्थायी है। कर्ज समस्या, कुछ नियामकीय बदलाव और मांग में कमी के कारण वाहन क्षेत्र में सुस्ती का माहौल हैं। उद्योग और मांग में जल्द ही तेजी आएगी।

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