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बाजार की उथल-पुथल से सुरक्षा के लिए कैसे बनाएं अपना पोर्टफोलियो?

20 August 2019 | 12.25 PM

बाजार में तेजी आने पर छोटे निवेशक अमूमन अपने इंवेस्टमेंट प्लान से भटक जाते हैं. तेजी का फायदा उठाने के लिए वे अनाप-शनाप तरीके से शेयरों में अपना निवेश बढ़ा देते हैं. बाजार में अति उत्साह का माहौल बनने पर अक्सर ऐसा होता है. इन्हीं निवेशकों को बाजार के करवट लेने पर सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है. वेल्थ मैनेजर कहते हैं कि निवेशकों को अपनी जोखिम लेने की क्षमता को देख एलोकेशन करना चाहिए.

मसलन, बाजार के मौजूदा दौर में आक्रामक निवेशक इक्विटी में 80 फीसदी पैसा लगा सकते हैं. जो मामूली जोखिम ले सकते हैं, उन्हेंा इक्विटी में 50 फीसदी निवेश करना चाहिए. इसी तरह कंजर्वेटिव (जो ज्यादा जोखिम लेने को तैयार नहीं हैं) निवेशक शेयरों में 25 फीसदी निवेश कर सकते हैं.

अगर कोई आक्रामक निवेशक सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू करना चाहता है तो उसका प्लान इक्विटी की तरफ भरपूर झुका होना चाहिए. महीने में निवेश के लिए यदि उसके पास 20,000 रुपये हैं तो वेल्थ मैनेजरों का सुझाव है कि उसे 6,000 रुपये Axis Bluechip Fund, 5,000 रुपये SBI Focused Fund, 3,000 रुपये L&T Midcap Fund और 3,000 रुपये HDFC Small Cap Fund तथा 4,000 रुपये ICICI Prudential Liquid Fund में लगाना चाहिए.

जो निवेशक अपेक्षाकृत कम जोखिम ले सकते हैं, उन्हें इक्विटी में निवेश घटाना चाहिए. इस तरह के निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंडों को लाना चाहिए. अपने पोर्टफोलियो में उठापटक नहीं चाहने वाले कंजर्वेटिव निवेशकों को इक्विटी में निवेश को कम से कम रखना चाहिए. उनके मासिक निवेश का ज्यादातर हिस्सा डेट म्यूचुअल फंडों या फिक्स्ड डिपॉजिट में जाना चाहिए. इसमें डेट पूंजी को बचाता है. जबकि इक्विटी कुल पोर्टफोलियो के रिटर्न को बढ़ाने का काम करता है.

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