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ट्रेन में सफर करने से पहले जाने अपने अधिकार

9 September 2019 | 12.23 PM

भारत की आधी से ज्यादा आबादी ट्रेन से सफर करती है, फिर भी लोगों को रेलवे के जुड़े बेनिफिट और अपने अधिकार नहीं पता होते हैं। लेकिन हम आपको यहां पर भारतीय रेल से जुड़े सारे अधिकारों के बारे में यहां पर बताएंगे।

जल्दंबाजी में ट्रेन की टिकट न बुक हो पाए तो यदि आपको कभी जल्दबाजी में कहीं जाना हो और टिकट बुक न हो पाए तो बस प्लैटफॉर्म टिकट के साथ ट्रेन में चढ़ सकते हैं। इसके बाद टीटीई (ट्रेन टिकट इग्जैमनर) के पास जाकर टिकट बनवा लें। सीट खाली होने पर आपको सिर्फ रिजर्व्ड टिकट लेने के लिए पैसे देने पड़ते हैं, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि सीट खाली न होने पर अगर आप बैठते हैं तो पेनाल्टी वसूली जाएगी।

टीटीई इस-इस तरह से कर सकते हैं आपकी मदद

आरएएसी टिकट वाले यात्रियों को आधी बर्थ मुहैया करना

लंबी यात्रा के दौरान किसी सुपरफास्ट ट्रेन में लगातार गेट खुला हो तो उसे बंद करवाना

अगर ट्रेन में कोई महिला अकेली यात्रा कर रही है तो खाली होने पर उसके बगल में सिर्फ किसी महिला को ही सीट देना

ट्रेन में पानी खत्म हो जाने पर अगले स्टेशन पर ट्रेन में पानी भरवाना

टॉयलेट गंदा होने की स्थिति में उसे साफ करवाना

ट्रेन में पंखे और लाइट खराब होने पर उन्हें ठीक करवाना

एसी सही से काम न कर रहे हो तो उसे ठीक करवाना

तत्काल टिकट में भी रिफंड पाने की होती है सुविधा

इसके बारे में बेहद कम लोग जानते हैं, जबकि नुकसान बहुत लोगों का होता है। कन्फर्म तत्काल टिकट को आप वैसे कैंसल नहीं कर सकते, लेकिन कुछ विशेष परिस्थिति में इसके बदले रिफंड ले सकते हैं।

. ट्रेन अगर 3 घंटे से ज्यादा लेट होती है और इस कारण से आप यात्रा नहीं कर पाते हैं

. बंद की वजह से, रेल रोको और बाढ़ सहित अन्य दूसरी वजहों से अगर ट्रेन कैंसल हो जाए

. ट्रेन को अगर तय रूट पर नहीं, दूसरे रूट पर चलाया जाए और यात्री का स्टेशन उस रूट पर न हो

ये भी मिलती हैं सुविधाएं

. बता दें कि ई-टिकट बुक करने वाले पैसेंजर्स 24 घंटे पहले तक बोर्डिंग स्टेशन बदल सकते हैं। यह भी ध्यान रहे कि यह एक बार ही किया जा सकता है।

. अगर टिकट एसी क्लास का है और रेलवे की वजह से स्लीपर में सफर करना पड़ रहा है तो रिफंड क्लेम कर सकते हैं। अगर एसी कोच में एसी खराब होता है तो रिफंड क्लेम किया जा सकता है।

. साथ ही आपके नाम से जारी कन्फर्म टिकट पर आपके माता-पिता, भाई, बहन, बेटा, बेटी और आपकी जीवनसाथी यात्रा कर सकते हैं। इसके लिए आप टिकट आपको टिकट ट्रांसफर करना होगा। जहां से ट्रेन चलेगी उसी स्टेशन पर आपको 24 घंटे पहले चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर के पास रिक्वेस्ट देनी होगी। यात्री इसका फायदा तभी उठा सकते हैं जब उसके स्टेशन से ही ट्रेन शुरू होती हो या मूल स्टेशन उसके शहर के आसपास ही हो।

. आपको बता दें हर ट्रेन में फर्स्ट एड बॉक्स की सुविधा होती है। ऐसे में शारीरिक रूप से कोई भी परेशानी होने पर आप फर्स्ट एड बॉक्स की मांग कर सकते हैं। यह बॉक्स आपको टीटीई या ट्रेन में मौजूद रेलवे कर्मचारी से मिल सकता है। यह सेवा मुक्त है।

. तो वहीं यदि आपने ऑफ़लाइन टिकट लिया है और आपके पास न टिकट हो और न ही मेसेज तो भी आप यात्रा कर सकते हैं। आपके पास बस वेलिड आई कार्ड (आधार, पैन कार्ड, डीएल आदि) होना चाहिए और अपनी सीट और बोगी नंबर पता होना चाहिए।

रेलवे हेल्प लाइन नंबर

. आपको बता दें कि रिजर्वेशन हर तीन-चार बोगी के लिए एक टीटीई रहता है। अगर बोगी एसी है तो एक अडडेंट भी होता है। बोगी में सही सेवा की जिम्मेदारी उसकी है। अगर वह अपना काम सही ढंग से नहीं कर रहा है तो इसकी शिकायत आप टीटीई से कर सकते हैं। इसी तरह अगर टीटीई आपकी बात नहीं मान रहा है तो उसके पास एक शिकायत पुस्तिका होती है, इसमें आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। कई बार टीटीई शिकायत पुस्तिका देने के लिए तैयार नहीं होता है।


. ऐसे में आप अपनी शिकायत आने वाले किसी भी अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर के पास कर सकते हैं। या आप @RailMinIndia को टैग कर ट्वीट कर सकते हैं। यह रेल मंत्रालय का ट्वीटर हैंडल है। यहां अमूमन मदद मिल जाती है। इसके अलावा रेल मंत्री पियूष गोयल का @PiyushGoyal हैंडल है उन्हें भी टैग कर सकते हैं।
. रेलवे का हेल्पलाइन नंबर: 139 (यह आपको ट्रेन के आगमन-प्रस्थान की पूरी जानकारी मिलेगी।)
. आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) से मदद के लिए नंबर: 182 (इस पर अपनी सुरक्षा के लिए सहायता की मांग कर रहे हैं।)
. ये दोनों नंबर 24 X 7 काम करते हैं।

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