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फेड की ब्याज दर घटने से भारतीय शेयर बाजार होगा निहाल

19 September 2019 | 12.33 PM

नई दिल्ली: बाजार के जानकारों के मुताबिक अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व यदि अपनी मुख्य ब्याज दर में कटौती करने का फैसला करता है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर होगी। क्योंकि इससे भारतीय शेयर और डेट बाजार में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा। फेड गुरुवार शाम अपनी अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा करेगा। इसका असर भारतीय बाजार पर शु्क्रवार को दिखेगा। बाजार को उम्मीद है कि फेड अपनी ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।

भारतीय बाजार से पूंजी निकासी की रफ्तार में कमी आएगी

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोटक सिक्युरिटीज में पीसीजी, कमोडिटी एवं करेंसी कारोबार के प्रमुख और एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट आशीष नंदा ने कहा कि फेड यदि अपनी ब्याज दर घटाता है, तो डॉलर कमजोर होगा। इससे हमारी अपनी मुद्रा में गिरावट कम से कम होगी। इसके साथ ही भारतीय बाजार से पूंजी निकासी की रफ्तार भी घटेगी। आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज के रिसर्च प्रमुख पंकज पांडे ने कहा कि फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) यह तय करने में मदद मिलेगी कि वह अपनी ब्याज दर में कितनी कटौती कर सकता है।

फेड की दर बढ़ने से भारत की परेशानी बढ़ेगी

कोटक सिक्युरिटीज के आशीष नंदा ने कहा कि अमेरिकी फेड यदि उम्मीद के विपरीत फैसला करता है, तो इससे पूरी दुनिया का शेयर बाजार गिरेगा। इसके साथ ही डॉलर अन्य मुद्राओं के मुकाबले मजबूत होगा। इससे भारत की परेशानी बढ़ेगी। भारत एक ओर कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी और दूसरी ओर रुपये में गिरावट से पहले ही परेशान है। इक्वीनोमिक्स रिसर्च एंड एडवायजरी के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा कि पहले भारतीय बाजार पर फेडरल रिजर्व के फैसले का बहुत अधिक असर होता था। अब स्थिति बदल गई है। अब घरेलू कारक अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। फेड की दर में कटौती से बाजार को लाभ होगा। लेकिन यदि फेड की दर में कटौती नहीं होती है, तो इससे बाजार पर अधिक असर नहीं पड़ेगा।

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