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फिंगरप्रिंट हुआ पुराना, अब कान को स्कैन करके खुल जाएंगे स्मार्टफोन

24 September 2019 | 2.27 PM

आज के समय में तकनीक तेजी से बदल रही है, खासकर स्मार्टफोन के मामले में तो यह बदलाव और भी तेजी से देखने को मिल रहा है। अब पता चला है कि स्मार्टफोन को फिंगरप्रिंट से खोलने की तकनीक भी जल्द ही पुरानी हो सकती है। दरअसल अब स्मार्टफोन फिंगरप्रिंट के बजाय कान की स्कैनिंग से खुल सकेंगे। इसके लिए यूजर्स को सिर्फ वायरलैस ईअर बड्स की जरुरत होगी।

दरअसल एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ बफैलो के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड अप्लाईड साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर झानपेंग जिन ने इस नई तकनीक को ईजाद किया है। झानपेंग जिन, यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विषय के अध्यापक हैं। जिन ने इस नई तकनीक के बारे में बताते हुए कहा कि जब किसी के कानों में कोई आवाज पड़ती है तो यह ईअर कैनाल द्वारा ग्रहण की जाती है। इससे एक यूनीक सिग्नेचर पैदा होता है, जिसे कान में लगे ईअरफोन द्वारा रिकॉर्ड कर लिया जाता है। इसी यूनीक सिग्नेचर से स्मार्टफोन खुल जाता है।

इस तकनीक को ईजाद करने वाले वैज्ञानिकों ने एक एकोस्टिक सिग्नल प्रोसेसिंग तकनीक विकसित की, जिससे कानों में आवाज अवरोध सीमित होता है। ईअरबड्स द्वारा जानकारी इकट्ठा करने के बाद यह ब्लूटूथ कनेक्शन द्वारा स्मार्टफोन को भेजी जाती है, जिसका स्मार्टफोन द्वारा विश्लेषित कर स्मार्टफोन ऑपरेट होता है। इस तकनीक को EarEcho नाम दिया गया है।

बता दें कि रिसर्च के दौरान यह तकनीक 95% तक प्रभावी पायी गई है। बता दें कि इस तकनीक के बाजार में आ जाने के बाद यूजर्स को पासकोड्स, फिंगरप्रिंट, फेशियल रिकोगनिशन और अन्य बायोमीट्रिक की जरुरत नहीं होगी। वैज्ञानिकों के अनुसार, मोबाइल पेमेंट आदि में यह तकनीक काफी उपयोगी होगी। इसके साथ ही इस तकनीक में पासकोड्स और फिंगरप्रिंट की तरह बार-बार फोन के लॉक होने का डर नहीं होगा।

 

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