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डिजिटल पेमेंट पर रहती है जालसाजों की नजर, छोटी-सी गलती आपके लिए बन सकती है पेरशानी

6 November 2019 | 1.19 PM

पिछले कुछ महीने में पेमेंट से संबंधित कई तरह के फ्रॉड सामने आए हैं। धीरे-धीरे लोगों ने डिजिटल पेमेंट को अपना लिया है लेकिन कई बार धोखाधड़ी का सामना करने के बाद इन तरीकों से विश्वास उठ जाता है। डिजिटल पेमेंट आसान और सुविधाजनक है लेकिन सावधान रहने की भी जरूरत है। आइए जानते हैं कि ये फ्रॉड कैसे होते हैं और इनसे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

1- रिमोट ऐक्सेस मोबाइल ऐप्लिकेशन स्कैम

कुछ 'लुटेरों' ने किसी एनजीओ के नाम से फर्जी नंबर रखे हैं। ये लोग किसी को भी कॉल करते हैं और उनसे कोई कोई सॉफ्टवेअर डाउनलोड करने को कहते हैं। इसके बाद वे यूजर की स्क्रीन को ही हैक कर लेते हैं। एक महिला से एनीडेस्क नाम का सॉफ्टवेअर डाउनलोड करने को कहा गया। वह अपने पालतू कुत्ते को दफनाने के लिए एनजीओ से संपर्क करना चाहती थीं। बाद में उनके अकाउंट से 30 हजार रुपये कट गए। उन्होंने डेबिट कार्ड का पिन नहीं बताया था लेकिन स्क्रीन हैक होने की वजह से डेबिट कार्ड की डीटेल लीक हो गई। इसलिए बिना जाने समझे किसी के कहने पर ऐप डाउनलोड करने से बचें।

2- इंश्योरेंस

www.irdaionline. org यूआरएल से चल रहा जो कि फर्जी पॉलिसी बेच रहा था। बाद में आईआरडीए ने इसके खिलाफ अलर्ट जारी किया और यूआरएल को ब्लॉक कर दिया गया। इसलिए जरूरी है कि पहले ठीक से पता करें कि कौन सी वेबसाइट ऑफिशल है और कौन सी फर्जी और इसके बाद ही किसी को पैसे ट्रांसफर करें।

3- इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर ठगी

मुंबई के एक प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी के पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से एक लिंक आया जिसमें टैक्स रिफंड की बात कही गई थी। लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड हो गया। इसके बाद किसी ने उनकी अकाउंट लॉगिन डीटेल हासिल करके अकाउंट से पैसे उड़ा दिए। ध्यान रखना चाहिए कि आईटी विभाग खाते में सीधे रिफंड भेज देता है। किसी भी ऐसे लिंक या मेसेज पर भरोसा न करें जो कि अकाउंट डीटेल मांग रहा हो।

4- KYC अपडेट

KYC अपडेट करने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने के बाद उदयपुर के एक आईएएस ऑफिसर को 6 लाख रुपये का चूना लग गया। उन्होंने अकाउंट डीटेल डालने के बाद ओटीपी डाला। तुरंत बैंक से मेसेज आ गया कि अकाउंट से 6 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन किया गया है। इसलिएऑफिशल वेबसाइट पर ही यकीन करना चाहिए और SMS पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

5- कमजोर पासवर्ड

कई बार लोग अनजाने में ही हैकर्स की ही मदद कर बैठते हैं। यूके के नैशनल साइबर सिक्यॉरिटी सेंटर (NCSC) ने हाल ही में सबसे ज्यादा हैक होने वाले पासवर्ड की लिस्ट जारी की है। जारी किए गए डेटा के मुताबिक 2 करोड़ 30 लाख लोगों को पासवर्ड इसलिए है हुआ क्योंकि यह 123456 था। इसलिए पासवर्ड को हमेशा अलग तरह से बनाना चाहिए और इसमें केवल डिजिट या केवल ऐल्फाबेट नहीं रखने चाहिए।

6- फर्जी UPI पेमेंट लिंक

पुणे के एक व्यापारी से जालसाजों ने डिजिटल वॉलेट से 10 रुपये ट्रांसफर करने को कहा। बताया गया कि ऑनलाइन स्कूटर खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी। इसके बाद पेमेंट करने के लिए यूपीआई आईडी और ओटीपी एंटर किया। इसके बाद उनके अकाउंट से 1.53 लाख रुपये कट गए। ध्यान रखना चाहिए कि पेमेंट केवल ऑफिशल BHIM या बैंक के ऐप से ही करें। इसके अलावा अजनबी के लिंक भेजने पर क्लिक न करें। 7- फर्जी NPCI/UPI/BHIM हैंडल और पोर्टल ट्विटर हैंडल पर कई बार फेक मिलती जुलती आईडी बनाई जाती हैं। जब आप हेल्प के लिए ट्वीट करते हैं तो गलती से उन्हें टैग कर देते हैं और फिर वे सारी जानकारी हासिल कर लेते हैं। इसलिए वेरिफाइ कर लेना चाहिए कि कोई ट्विटर अकाउंट ब्लू टिक है या नहीं।

8- यूपीआई पे ऑप्शन के बारे में जानकारी की कमी

एक शख्स अपना कूलर बेचना चाहता था। उसके पास एक जालसाज का फोन आया जिसने एक लिंक के माध्यम से 9000 रुपये देने की बात कही। लिंक पर क्लिक करते ही पैसे क्रेडिट नहीं हुए बल्कि डेबिट हो गए।

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