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Gratuity को लेकर जल्द बड़ा बदलाव हो सकता है, अब पैसे पाने के लिए करनी पड़ेगी इतने साल नौकरी

13 December 2019 | 12.14 PM

नई दिल्ली: ग्रेच्युटी के रूल (Gratuity Rule) में जल्द बड़ा बदलाव हो सकता है. सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 (Social Security 2019) के चैप्टर 5 में एक बात कही गई है, जिसके मुताबिक कर्मचारियों को ग्रेच्युटी तभी मिलेगी जब वह एक संस्थान में लगातार 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद नौकरी छोड़ेंगे. यह बिल लोकसभा में पेश हो चुका है, लेकिन यह नियम तभी लागू होगा जब संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पास हो जाएगा और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल जाएगी.

ग्रेच्युटी पाने की महत्वपूर्ण शर्तों के तहत कोई भी कर्मचारी इसके लिए तब योग्य होता है, जब वह किसी कंपनी में कम से कम 5 साल तक सेवा दे चुका हो. रिटायरमेंट, इस्तीफे, किसी दुर्घटना में मौत या विकलांग हो जाने या निश्चित अवधि के तहत कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने की स्थिति में या केंद्र सरकार द्वारा तय की गई इस तरह की अन्य स्थिति पर कर्मचारी को पेंशन के तौर पर ग्रेच्युटी मिलती है.

किस शर्त पर नहीं होगी 5 साल की अनिवार्यता

सामाजिक सुरक्षा संहिता में कहा गया है कि 5 साल तक लगातार सेवा देना उस स्थिति में अनिवार्य नहीं होगा, जब कर्मचारी की मौत या शारिरिक रुप से अक्षम होने पर नौकरी छूट जाती है. इसमें व्यक्ति की फिक्स्ड टर्म इंप्लॉयमेंट खत्म हो जाना और केंद्र सरकार से किसी नोटिफिकेशन की स्थिति भी शामिल है. कर्मचारी की मौत होने की स्थिति में ग्रेच्युटी उसके नॉमिनी को मिलेगी. अगर कर्मचारी ने किसी का नॉमिनेशन नहीं किया है, तो यह राशि उसके वारिस को मिलेगी.

इस हिसाब से मिलेगी ग्रैच्युटी

सामाजिक सुरक्षा संहिता में कहा गया है कि कर्मचारी के हर पूर्ण साल की सर्विस पर ग्रैच्युटी 15 दिन की सैलरी पर आधारित होती है. हर पूरे साल या 6 महीने से ज्यादा के समय के लिए कर्मचारी को ग्रेच्युटी 15 दिन की सैलरी की दर पर या केंद्र सरकार के किसी नोटिफिकेशन में तय किए गए दिनों के आधार पर मिलेगी.

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