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डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स क्या है, जानिए निवेश की प्रक्रिया?

26 October 2018 | 12.46 PM

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड्स शेयर बाजार में निवेश करने का एक तरीका है। भारतीय निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। हालिया आंकड़ों में म्यूचुअल फंड निवेश में एक प्रभावशाली वृद्धि भी देखने को मिली है। यहां हम आपको डायरेक्ट म्यूचुअल फंड क्या है, लेकिन उससे पहले जानिए आखिर यह म्यूचुअल फंड क्या होता है।

म्यूचुअल फंड व्यावसायिक रूप से प्रबंधित निवेश योजनाएं हैं जहां एक संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी), स्टॉक, बॉन्ड, जमा, डेरिवेटिव्स, सोना, वाणिज्यिक कागजात, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट जैसी विभिन्न सिक्यॉरिटी में कई निवेशकों से इकट्ठा किए गए पैसे का निवेश करती है। आप एक वितरक के माध्यम से या सीधे एएमसी के माध्यम से एक म्यूचुअल फंड खरीद सकते हैं। आपको फायदे के साथ नेट लाभांश प्राप्त करने के विकल्प के साथ पूंजी वृद्धि के रूप में लाभ मिलता है-जिसे कुल व्यय अनुपात के रूप में जाना जाता है। इसे आप अपने फंड मैनेजर को उनकी सेवाओं के लिए भुगतान करते हैं। म्यूचुअल फंड की यूनिट कीमत को नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) के रूप में जाना जाता है, जिसकी गणना प्रत्येक ट्रेडिंग सत्र के अंत में की जाती है।

म्यूचुअल फंड का डायरेक्ट प्लान

डायरेक्ट प्लान कस्टमर्स को सीधे फंड में इन्वेस्ट करने की सुविधा देता है। इसमें किसी तरह की इंसिडेंटल कॉस्ट नहीं होती है और एक्सपेंस रेशियो बहुत कम होता है। ये रेग्युलर फंड से सस्ते हो सकते हैं और इनका एनएवी अलग होता है। सेबी ने हाल में आदेश दिया था कि हर फंड/स्कीम का डायरेक्ट प्लान होना जरूरी है। यह उन इन्वेस्टर्स के लिए होगा, जो डिस्ट्रिब्यूटर सपॉर्ट नहीं चाहते।

जरूरी कागजात

डायरेक्ट निवेश के लिए आपके पास पैन कार्ड, आधार कार्ड और एक बैंक अकाउंट होना चाहिए। इसकी केवाईसी प्रक्रिया भी हुई होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो उसे बाद में भी करवाया जा सकता है। डायरेक्ट म्यूचुअल फंड के लिए डीमेट खाते की भी जरूरत नहीं होती।

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