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सरकारी हो या प्राइवेट अब नौकरी करने वाला रहेगा खुश

5 November 2019 | 3.15 PM

Gratuity payment rules: केंद्र सरकार ग्रेच्युरटी पेमेंट के पात्रता नियमों में बदलाव की तैयारी में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रेच्युकटी पाने को जरूरी पांच साल के सर्विस पीरियड को घटाकर एक साल किया जा सकता है. ऐसा सोशल सिक्योyरिटी पर एक बिल के जरिए किया जाएगा. सरकार यह बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है.

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 'Code on Social Security 2019' का ड्राफ्ट तैयार किया था. इसे मंत्रालय की वेबसाइट पर सुझावों/इनपुट्स के लिए अपलोड किया गया था. मंत्रालय को सुझाव भेजने की समयसीमा 25 अक्टूेबर को खत्मु हो गई.

अभी ग्रेच्युमटी पाने के लिए कर्मचारी को एक कंपनी में कम से कम 5 साल काम करना होता है. इससे सबसे ज्यागदा फायदा उन निजी कर्मचारियों को होगा, जो 5 साल से पहले नौकरी बदल देते हैं.

Gratuity payment rules: क्या है ग्रेच्युनटी?

ग्रेच्यु‍टी दरअसल कंपनी की तरफ से कर्मचारी को उसकी सेवा के बदले आभार जताने का एक तरीका है. सरकारी कर्मचारियों के लिए इसकी अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये है. पांच साल की सर्विस पूरे करने के बाद ग्रेच्युरटी बननी शुरू हो जाती है.

ग्रेच्युूटी की रकम दो बातों से तय होती है- कंपनी में आपका कार्यकाल और आपकी आखिरी सैलरी. ग्रेच्युटी तय करने का फॉर्मूला है- 15xलास्ट सैलरीxसर्विस पीरियड/26

 

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