दोस्तों 50 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी केवल एक लीडरशिप ना होने के कारण बर्बाद हो रही है ये एक शब्द जो आप को ऊपर ले जा सकता है, ओर नीचे ला सकता है, वो शब्द है "लीडरशिप"| ये पोस्ट बड़ी है लेकिन उतनी ही ज़रूरी है जितना आप के लिए साँस लेना कही आप का जीवन भी कांग्रेस पार्टी जैसा ना हो जाये| लीडर कौन होता है? उसके भीतर कौन से गुण होने चाहिए? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब हम पाना चाहते हैं। लीडरशिप स्किल डिवेलप करने के लिए आपके भीतर कौन से गुण होने चाहिए, उसका जिक्र मैं यहां कर रहा हूँ।
सीधी बात :
जो कुछ आप कहना चाहते हैं, उसे साफ और सीधे शब्दों में कहें। आप जो भी बोल रहे हैं, उसमें पूरी पारदर्शिता और साफगोई होनी चाहिए। ईमानदार बने रहें।
सम्मान का प्रदर्शन :
हर किसी को पूरे मन से सम्मान दें और सुनिश्चित करें कि आप जो सम्मान दे रहे हैं, वह उस तक सही तरीके से पहुंचे भी। जो लोग आपकी टीम से संबंधित नहीं भी हैं, उनके प्रति भी अच्छा व्यवहार रखें। अपने कर्मचारियों के मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करें।
पारदर्शिता लाएं :
विश्वसनीय बनें। सूचनाओं को छिपाएं नहीं। एम्प्लॉई के साथ कोई छिपा हुआ एजेंडा न रखें। सभी के साथ सहयोग की भावना बनाए रखें।
सही गलत :
अगर आपकी तरफ से कोई गलती हुई है तो उसके लिए माफी मांग लें। अगर संभव हो तो जुर्माना देने को भी तैयार रहें। चीजों को छुपाने की कोशिश न करें और गलतियों की जिम्मेदारी लें। विनम्र बने रहें। जो सुविधाजनक है, वही काम करें।
रिजल्ट दें :
तय करें कि आपका रिकॉर्ड रिजल्ट देने का हो। जो काम आपको सौंपा गया है, उसे पूरा करें। अगर कोई काम पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो जिम्मेदारी लें, बहाने न बनाएं।
बेहतर की ओर :
सीखने और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करते रहें। अपनी स्किलस और ज्ञान को लेकर कॉनफिडेन्स से बचें। दूसरे लोग अगर फीडबैक दें तो उनका शुक्रिया अदा करें।
उम्मीदों के बारे में साफ बताएं :
अपने कर्मचारियों से आप क्या उम्मीद रखते हैं, यह उन्हें साफ-साफ बता दें। उनके साथ इन उम्मीदों को डिस्कस करें और उनकी हामी भी ले लें। अगर सोच में अंतर है तो कुछ आप झुकें, कुछ सामने वाले को झुकाएं।
जवाबदेही तय :
अपने को और अपनी टीम के हर शख्स को उन कामों के प्रति जवाबदेह बनाएं जो वे कर रहे हैं। रिजल्ट अच्छे हों या बुरे उनकी जिम्मेदारी लें। अपने कर्मचारियों से बातचीत करें कि वे कैसे अपना काम ठीक से कर सकते है|
अपने काम को जिये:
जो काम अपनी टीम से चाहते है वो काम आप को ख़ुद को भी आना चाहिए आपकी टीम आप को उसका एक्स्पर्ट समझे ओर आप से क्रांतिकारी हल की उम्मीद करे| लीडर पैदा नहीं होता , बनाया जाता है ।
एक प्रश्न सदा ही हम सब के लिए एक अबूझ पहेली सा होता है कि कैसे लोकप्रिय एवं प्रभावशाली लीडर बना जाये? इसके लिए सबसे सरल उपाय है क़ि अपने व्यक्तित्व व् स्वभाव को इतना सरल और सहज रखें क़ि कोई भी व्यक्ति आपसे बेझिझक संपर्क कर सके |
एक पुरानी कहावत है-
"तीखा बोलने वालो का शहद भी नही बिकता!
मीठे बोलने वाले की मिर्च भी बिक जाती है!!"
आप लोगो में सच्ची दिलचस्पी लेंगे उनकी बातो पर ध्यान देगे , उनके कार्यो की सच्ची प्रशंसा करेंगे |
यहाँ यह ध्यान देने क़ि बात है क़ि आपको सच्ची प्रशंसा करनी है , चापलूसी नहीं! जब आप ईमानदारी के साथ लोगो में दिलचस्पी लेते है तो आप उन सभी के सच्चे सलाहकार या यूँ कहे क़ि आप उनके आदर्श बन जाते है|
अच्छे लीडर के गुण होते है, कि वह अपने टीम के सदस्यों के अन्दर उत्साह का संचार कर सकता है टीम के सदस्यों को सदैव उत्साहित रखने के लिए उनके छोटे से छोटे कार्य और विशेषताओ को ध्यान दिया जाये और उनकी हर सफलता को सम्मान दिया जाये | याद रखे सम्मान और पुरस्कार हमेशा व्यक्ति को उत्साहित करता है और उन्हें और ज्यादा जिम्मेदारी उठाने को प्रेरित करता है | आप अपनी प्रतिभाओं को पहचान कर असाधारण जीवन जी सकते हैं।
आपकी टीम आप पर गर्व करनी चाहिए
इसके लिए ये आप करे-
• समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के क्रांतिकारी उपाय ।
• अपने प्रदर्शन का स्तर बढ़ाने के लिए क्रांतिकारी रणनीति ।
• शारीरिक ऊर्जा का सही इस्तेमाल करने के क्रांतिकारी विचार ।
• निजी जीवन और काम में बेहतर संतुलन बनने के विचार और जीवन को मजे से जीने के नुस्खें ।
• हमेशा मुस्कराते रहिए। प्रसन्नता व मुस्कराहट बिखेरने वाले लोगो के सैकड़ो मित्र होते है। कोई भी व्यक्ति उदास चेहरे के पास बैठना पसंद नही करता।
• बातचीत मे अपनी तकलीफों का रोना मत रोइए, क्योकि लोग इस से आप के पास आने से हिचकिचाएगें, वे यही समझेंगे कि उसके पास जाते ही बह अपनी तकलीफों का रामायण पढ़ने लग जाएगा।
• दुसरो की तारीफ जी भर कर कीजिए, पर तारीफ इस तरह होना चाहिए कि सामने वाले को ऐसा न लगे कि आप उसे मूर्ख बना रहे है।
• बातचीत मे हमेशा सामने वाले को ज्यादा से ज्यादा बोलने का मौका दीजिए और आप यथासंभव कम बोलिए। ऐसा भी न करे कि आप बिल्कुल चुप रहें।
• आप के वस्त्र सुरुचिपूर्ण हों तथा आपकी बातचीत मे किसी प्रकार से हलकापन न हो, आप गम्भीरता से अपनी बात को कहने का प्रयत्न कीजिए।
• किसी भी अधिकारी या ऊँचे से ऊँचे व्यक्ति से मिलते समय मन मे किसी प्रकार की हिचकिचाहट अनुभव न कीजिए, अपने बात नम्रता से, पर दृढ़तापूर्वक उस के सामने रखिए।
• बार-बार अपनी गलती स्वीकार मत कीजिए और बार बार क्षमा याचना करना भी ठीक नही है।
• किसी भी प्रकार से अपने उपर क्रोध को हावी मत होने दीजिए । यदि सामने वाला क्रोध करता भी है तो चुपचाप सहन कर लीजिए। केवल क्रोध को सहन करने के बाद ही वह पछताएगा और आप के प्रति उसका सम्मान जरुरत से ज्यादा बढ जाऐगा।
• मित्र को या किसी को भी मिलते समय उसको उस के नाम से पुकारिऐ और उस से ऐसी बातचीत कीजिए जो उस को रुचिकर हो।
• आप यथासंभव कम से कम असत्य बोलिए,क्योकि असत्य ज्यादा समय तक नही चलता।
• अपने आपको हमेशा तरो-ताज़ा रखिए क्योकि बीमार, सुस्त और यदि आप थके हुए लगेगें तो आप ज्यादा उन्नति नही कर पाएँगे और न समाज मे ज्यादा लोकप्रिय हो पाएँगे|
यह गुण जितने साधारण है उतने ही प्रभावशाली हैं यदि आप इन्हे अपने दैनिक कार्यो में अपनाएँगे, तो निश्चय ही आप के व्यक्तित्व (personality) मे चार चाँद लग जाएंगे। आप का प्रभाव दुसरो पर स्थाई रहेगा। दोस्तों अच्छे विचार रखते हो पर उन पर आचरण नहीं कर रहे हो तो आप उस बैंक अधिकारी की तरह है जो दिन भर करोड़ो रुपये गिनता और रखता भी है पर शाम को घर लौटते समय उसे फूटी कौड़ी भी नही मिलती है.
समझे ओर तुरंत अमल करे, अपनी एक ख़ूबसूरत ज़िन्दगी के लिए |
आपका निरंजन महावर
टैक्सवे टाइम्स चीफ एडिटर