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GST दरों में हो रहा है बदलाब,18 जुलाई से कुछ सामान और सेवाएं हो जाएंगी महंगी

04 July 2022 | 01:00PM 

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कई बड़े ऐलान किए हैं| वित्त मंत्री ने टैक्स में छूट (tax Exemptions) और वापसी में सुधार (Correction of inversion) पर जीओएम की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई है| लेकिन कई रोजमर्रा की वस्तुएं अब महंगी हो गई हैं|

बढ़ती हुई महंगाई के बीच आम जनता को फिर झटका लगा है| 18 जुलाई से अब रोजमर्रा की कई वस्तुओं के लिए आपको अधिक पैसे चुकाने पड़ेंगे| दरअसल, जीएसटी की 47वें बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस को संबोधित किया| वित्त मंत्री ने बताया की 18 जुलाई से आटा, दही जैसे पैकेट्स फ़ूड महंगे हो जायेंगे| बैठक में गैर-ब्रांडेड लेकिन पैक डेयरी और कृषि उत्पादों को 5 प्रतिशत टैक्स दर स्लैब के दायरे में लाने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों और Fitment (सामग्री) समिति के एक पैनल की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है| आपको बता दें कि नए दरों और छूट को लागू करने की अंतिम तारीख 18 जुलाई होगी|

वित्त मंत्री ने दी जानकरी

बैठक में यह फैसला किया गया है कि प्री-पैकेज्ड लेबल वाले कृषि उत्पादों जैसे पनीर, लस्सी, छाछ, पैकेज्ड दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली (फ्रोजन को छोड़कर), मुरमुरे और गुड़ 18 जुलाई से महंगे हो जाएंगे| यानी इन पर टैक्स बढ़ा दिया गया है| फिलहाल ब्रांडेड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जबकि अनपैक और बिना लेबल वाले सामान कर मुक्त हैं|

ये वस्तुएं हो गईं महंगी

इतना ही नहीं, परिषद ने राज्य के वित्त मंत्रियों होटल के कमरे (1,000 रुपये प्रति रात से कम टैरिफ के साथ) और अस्पताल के कमरे (प्रति दिन 5,000 रुपये से अधिक के दैनिक टैरिफ के साथ) को 12 प्रतिशत जीएसटी दर स्लैब के दायरे में लाने की वकालत वाली सिफारिशों को भी स्वीकार लिया है| ये दरें भी 18 जुलाई से लागू होंगी| इसके अलावा, चुनिंदा बरतन पर भी जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है|

राजस्व घाटे पर नहीं हुआ फैसला

गौरतलब है की साल 2017 में 1 जुलाई को जीएसटी लागू किया गया था| उस समय राज्यों को जून 2022 तक राजस्व घाटे का आश्वासन दिया गया था| दरअसल, यह राजस्व घाटा GST के रोलआउट के कारण हुआ था| लेकिन राज्यों को मुआवजे पर जीएसटी परिषद की बैठक में अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है| अब 30 जून को इसकी समयसीमा भी खत्म हो गई थी|

 

 

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