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GST ई - इनवॉइस के नियम में हुआ बदलाव, 5 करोड़ से अधिक सालाना बिज़नेस करने वाले कारोबारी आएंगे दायरे में

09 July 2022 | 06:29PM

नई दिल्ली: जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड पांच करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को बी2बी लेन-देन के लिए इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालना अनिवार्य होने वाला है|

ई-इनवॉयस का नया सिस्टम लागू होने के बाद प्रत्येक बी2बी लेनदेन के लिए जीएसटी के तहत टैक्स ऑफिसर्स को बिल के मिलान की जरूरत नहीं होगी|
GST के तहत रजिस्टर्ड ऐसे कारोबारियों को जिनका सालाना कारोबार पांच करोड़ से अधिक का होता है, उन्हें जल्द ही कंपनियों के बीच यानी बी2बी लेन-देन के लिए इलेक्ट्रॉनिक बिल निकालना अनिवार्य होने वाला है| यह जानकारी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के चेयरमैन ने दी है| पहले यह सीमा 20 करोड़ रुपये थी| CBIC के चेयरमैन के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी काउसिंल ने इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया था| इस काउंसिल में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं|

इस नियम के लागु होने के बाद बिल की मिलान की जरूरत होगी खत्म

इंडस्ट्री बॉडी पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित एक समारोह में चेयरमैन ने कहा कि पहले यह लिमिट बहुत अधिक थी और अब जल्द ही इसके तहत पांच करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाले सभी टैक्सपेयर्स को शामिल किया जाएगा और उन्हें बी2बी कारोबार के लिए ई-बिल निकालने होंगे| इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ई-इनवॉयस लागू होने के बाद प्रत्येक बी2बी लेनदेन के लिए जीएसटी के तहत टैक्स ऑफिसर्स को बिल के मिलान की जरूरत नहीं होगी| चेयरमैन ने इसके साथ ही ये भी कहा कि ऐसा सिस्टम लाने की तैयारी की जा रही है कि सभी रिटर्न पहले से ही भरे हों और कारोबारियों को सिर्फ एक नजर उनका मिलान करके फाइलिंग पूरा करना होगा|

शुरआत में 50 करोड़ रुपये थी कट-ऑफ और अभी 20 करोड़

जीएसटी के तहत 1 अक्टूबर 2020 से 500 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए बी2बी लेनदेन के लिए ई-बिल निकालना अनिवार्य किया गया था| इसके बाद अगले साल एक जनवरी से इसे 100 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए लागू कर दिया गया| फिर पिछले साल 2021 में एक अप्रैल से 50 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियां को इस दायरे में लाया गया और अब इस साल एक अप्रैल से इस सीमा को 20 करोड़ रुपये कर दिया गया| अभी 20 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों को बी2बी लेन-देन के लिए ई-इनवॉयस निकालना होता है|

 

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