27 July 2019 | 11.45 AM
नई दिल्ली: अगर आप कोई चेक या अन्य पेमेंट इंस्ट्रूमेंट अपने हाथों से भर रहे हैं, तो यह बहुत जरूरी हे कि आप वह पूरा इंस्ट्रूमेंट एक ही इंक से भरें। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 के सेक्शन 87 के मुताबिक एक नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट में भौतिक हेरफेर करने से वह रद्द हो जाता है। ऐसे किसी चेक या इंस्ट्रूमेंट को सिर्फ एक ही कीमत पर स्वीकार किया जा सकता है, अगर इसे प्राप्त करने वाली पार्टी इसमें हुए बदलावों को मान्यता दे देती है।
एक मामले के तहत दिया फैसला
21 जून 2019 को मल्लिका बनाम कासी पिल्लई मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि कोई भी नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट जो दो अलग इंक में लिखा गया हो, वह भी नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 के तहत अमान्य होगा। इस मामले में अभियोगी पक्ष ने 35,000 रुपए के वचन-पत्र के आधार पर ब्याज सहित पैसा वापस पाने की याचिका दाखिल की थी। हालांकि, कोर्ट ने देखा कि इस नोट पर अंक '3’ नीली स्याही से लिखा गया था और '5000’ हरी स्याही से। अभियोगी पक्ष यह नहीं बता पाया कि उसने दो अलग रंगों की स्याही क्यों इस्तेमाल की थी। लिहाजा कोर्ट ने इसे 'भौतिक फेरबदल’ मानते हुए इस वचन- पत्र को एक्ट के तहत निरस्त कर दिया।
इन बातों का भी रखें खयाल
अगर आप कोई चेक जारी कर रहे हैं, तो उसे 'क्रॉस’ जरूर करें। चेक को क्रॉस करने के लिए आप चेक के ऊपर हिस्से में बाईं तरफ दो लकीरें खींच सकते हैं। आप प्राप्तकर्ता का नाम लिखने वाली लाइन के अंत में 'bearer’ पर भी 'क्रॉस’ लगा सकते हैं। इन दो तरीकों से यह सुनिश्चित होगा कि जिसके नाम पर चेक जारी किया गया है सिर्फ उसे ही पैसा मिलेगा। इन दो तरीकों को अपनाए बिना चेक को कोई भी इनकैश करा सकता है। चेक पर लिखी हुई तारीख का भी ध्यान रखें। जारी किए जाने की तारीख से सिर्फ तीन महीने बाद तक ही चेक वैलिड रहता है।