15 June 2019 | 2.01 PM
नई दिल्ली: अक्सर देखने में आता है कि लोग बैंक के एटीएम से कैश निकालने जाते हैं, लेकिन एटीएम खाली मिलता है। एक के बाद एक कई एटीएम में भटकने पर भी पैसा नहीं मिलता। कई बार तो एटीएम में कई-कई दिन नो-कैश के बोर्ड टंगे मिलते हैं। लोगों की समस्याओं को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाने का फैसला किया है।
आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि कोई भी एटीएम तीन घंटे से ज्यादा खाली न रहे। अगर किसी एटीएम में कैश खत्म हो जाए तो बैंकों को तीन घंटे के भीतर उस एटीएम में नोट भरने होंगे। सूत्रों के अनुसार, ऐसा न करने पर बैंकों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
बैंकिंग सेक्टर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि एटीएम में कैश भरने में बैंक कई बार लापरवाही बरतते हैं। हालांकि, बैंकों के उच्चाधिकारियों का कहना है कि फिलहाल एटीएम में कैश का फ्लो सही चल रहा है। पिछले दिनों एटीएम में कैश न होने की जो शिकायतें आई थीं, उसका मुख्य कारण वजह बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में कैश न होना था।
फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्रीज का कहना है कि आरबीआई ने बैंकों से एटीएम अपग्रेड करने को कहा है। इससे बैंकों का खर्चा बढ़ा है। एटीएम ऑपरेट की लागत बढ़ने से भी बैंकों ने कई एटीएम बंद कर रखे हैं।
एटीएम में लगा सेंसर बता देता है, कितना कैश बाकी है
किसी एटीएम में कैश है या नहीं, बैंकों को इसकी जानकारी मिलती रहती है। यही नहीं, एटीएम में कितना कैश बचा है और कितनी देर में वह खाली हो सकता है, इसका अंदाजा भी बैंकों को रियल टाइम बेसिस पर लगता रहता है। दरअसल, एटीएम में ऐसे सेंसर लगते होते हैं जो बताते हैं कि कैश ट्रे में कितने नोट हैं। नोटों की मात्रा से बैंकों का पता चलता रहता है कि कितने वक्त में नोट भरने की जरूरत पड़ेगी।