24 January 2018 | 11.12 AM
नई दिल्ली: 1 फरवरी 2018 को दिन के 11 बजे जब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना चौथा पूर्णकालिक बजट पेश कर रहे होंगे तो यह कई मायने में खास होगा। साल 2017 से ही बजट फरवरी के आखिरी कार्यकारी दिवस के बजाए फरवरी के पहले दिन पेश किया जा रहा है। भारत का बजट काफी सालों से दिन के 11 बजे पेश किया जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ साल पहले बजट शाम को पांच बजे पेश किया जाता था। हालांकि केंद्रीय बजट के शाम के पेश होने के पीछे भी एक खास वजह थी। जिस देश की संसद सुबह से शुरु होती हो वहां आखिर बजट शाम को क्यों पेश होता था?
यह थी खास वजह:
दरअसल साल 1927 से अंग्रेज अधिकारियों ने भी भारतीय संसद में बैठना शुरु कर दिया था। जब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर से किसी ने पूछा कि आखिर देश का बजट शाम को पांच बजे क्यों आता है जबकि संसद तो 10 बजे से चलने लगती है। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि यह अंग्रेजों के जमाने का नियम है। जब भारत में शाम के पांच बजते हैं तो लंदन में सुबह के साढ़े ग्यारह बज रहे होते हैं।
लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्डस में बैठे सांसदों को भारत का भाषण सुनना होता था इसलिए भारत का बजट शाम को पांच बजे पेश होता था। साथ ही भारत का बजट शाम को पेश किए जाने के पीछे एक वजह और बताई जाती थी कि इस वक्त ही ब्रिटेन के बाजार खुला करते थे।
एनडीए सरकार ने बदली परिपाटी: शाम को बजट पेश किए जाने की परिपाटी एनडीए सरकार ने बदली। देश में संविधान लागू होने के 50 साल बाद एनडीए (NDA) सरकार ने इस परंपरा को तोड़ा। साल 2001 से देश के वित्त मंत्री केंद्रीय बजट को दिन के 11 बजे पेश करने लगे। यशवंत सिन्हा देश के पहले वित्त मंत्री थे जिन्होंने दिन के 11 बजे केंद्रीय बजट पेश किया।