8 June 2022 | 05:42 PM
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPF) ने 1.11 करोड़ ग्राहक जोड़े है | उसी जगह NPS ने पुरे वित्त वर्ष 2021-22 में 93.6 लाख का नामांकन किया | ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को (EPF) का फायदा देती है |
और इसके साथ ही NPS भी आयकर लाभ का फायदा देती है | हालांकि इनमे से कौनसा सा बेहतर है, इस पर ध्यान देना ज्यादा जरुरी है | इन दोनों योजनाओं में निवेश का उद्देश्य आपके रिटायरमेंट के लिए बचत करना है। इस लिए आपको इन खातों से पैसा खास जरुरत पड़ने से पहले नहीं निकलना चाहिए | दोनों निवेश दशकों से एक कॉर्पस बनाने के लिए काम आते हैं, जिसका इस्तेमाल आप रिटायरमेंट के बाद कर सकते हैं।
EPF एक अच्छा बेनिफिट प्लान है | EPF जहां हर साल रिटर्न पर जोर देता है, और यहाँ तक की भारत सरकार इसके रिटर्न की भी गारंटी देता है | जब आप अपने रिटायरमेंट तक पहुंचते है, तब आपको एकमुश्त रकम मिलती है | जबकि NPS में ऐसा बिलकुल भी नहीं है वहां आपका पैसा इक्विटी और डेट मार्केट में लगाया जाता है |
आप जो भी रकम जमा कर रहे है वो आपको हर महीने बाजार दरों पर कंपाउडेड इंट्रेस्ट के साथ बढ़ती है, जो आपके रिटायर होने के बाद आपको एक अच्छी पेंशन के तौर पर मिलती है |
केवल वेतनभोगी व्यक्तियों को ही EPF का लाभ मिलता है, जबकि कोई भी व्यक्ति अपने रिटायमेंट के बचत के लिए NPS करा सकता है |
कितनी छूट मिलती है टैक्स में ?
फाइनेंस एक्सपर्ट के मुताबिक EPF और NPS दोनों में टैक्स छूट मिलती है | दोनों में निवेश की गई रकम आयकर विभाग अधिनियम धारा 80C के तहत छूट मिलती है जिसमे आप 1.5 लाख तक की छूट ले सकते है | और आप NPS के लिए धारा 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपए की कटौती का फायदा पा सकते है |